Report by manisha yadav
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके करीबी सहयोगी गौतम अडानी के खिलाफ कांग्रेस ने एक बार फिर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार अडानी समूह के मेगा घोटाले को दबाने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) का उपयोग कर रही है। कांग्रेस ने संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से इस मामले की जांच की मांग की है, जो हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद और भी जरूरी हो गई है।
एआईसीसी के प्रवक्ता डॉ. हामिद हुसैन ने कहा कि अडानी समूह के विभिन्न घोटालों में सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया है। इसमें सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का नाम सामने आ रहा है, जो अडानी के हितों को सुरक्षित करने के लिए कार्य कर रही हैं।
सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग:
NDTV का अधिग्रहण: सीबीआई ने 2017 में NDTV के संस्थापक प्रणय रॉय के घर पर छापा मारा, जिसके बाद अडानी समूह ने NDTV में 64.71% हिस्सेदारी हासिल की।
सीमेंट अधिग्रहण: सीसीआई टीम ने 2020 में ACC और अंबुजा सीमेंट के दफ्तरों पर छापा मारा, जिसके बाद अडानी समूह ने अंबुजा सीमेंट का अधिग्रहण कर दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी बना ली।
मुंबई एयरपोर्ट: ED ने GVK समूह के दफ्तरों पर छापा मारा, जिसके बाद अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने GVK एयरपोर्ट डेवलपर्स में 98% हिस्सेदारी हासिल की।
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया है कि सरकारी बैंकों और संस्थाओं, खास तौर पर एसबीआई और एलआईसी ने अडानी समूह के शेयरों को बढ़ावा देने के लिए असाधारण पक्षपात दिखाया।
विदेश नीति और अडानी समूह:
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भारत की विदेश नीति को अडानी समूह की ज़रूरतों के लिए अधीन कर दिया गया है। बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों के साथ महत्वपूर्ण परियोजनाओं में अडानी समूह को प्राथमिकता दी गई।
SEBI की भूमिका पर सवाल:
कांग्रेस ने SEBI की जांच पर भी सवाल उठाए हैं, जिसमें अडानी समूह के खिलाफ गंभीर आरोपों की जांच में देरी और संभावित हितों के टकराव का मुद्दा उठाया गया है। SEBI की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने उन फंडों में निवेश किया जो अडानी समूह से जुड़े थे।
कांग्रेस ने मांग की है कि SEBI अध्यक्ष इस्तीफा दें और सुप्रीम कोर्ट इस मामले का स्वतः संज्ञान लेकर जांच करे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पूछा है कि अगर निवेशकों की मेहनत की कमाई डूब जाती है, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा—प्रधानमंत्री मोदी, SEBI अध्यक्ष, या गौतम अडानी?
इस मामले में मोदी सरकार पर उठाए गए गंभीर सवालों ने राजनीतिक माहौल को और भी गर्मा दिया है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक और कानूनी लड़ाई और तेज हो सकती है।