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कुलदीप बिश्नोई को गढ़ में चुनावी हार के बाद दूसरा झटका, छूट गया समाज का अहम पद

भारतीय जनता पार्टी नेता कुलदीप बिश्नोई ने समाज के संरक्षक पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, इसकी वजह अब तक साफ नहीं है। वह एक दशक से ज्यादा समय तक इस पद पर रहे थे। अक्तूबर में संपन्न हरियाणा विधानसभा चुनाव में बिश्नोई परिवार ने गढ़ आदमपुर गंवा दिया था। हालांकि, भाजपा ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर राज्य में सरकार बनाई थी।

हिसार सांसद रह चुके कुलदीप अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं। उन्होंने रविवार को इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर भी दी है। भाजपा नेता ने लिखा, ‘मैं सभी संतों और समाज के सभी वर्ग के लोगों का मुझपर भरोसा करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।’ वह महासभा के पद पर 12 वर्षों तक रहे।

उन्होंने पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद और त्यागपत्र भेज दिया है। साथ ही उन्हें नया संरक्षक भी बना दिया गया है। उन्होंने 29 सदस्यीय एक समिति भी गठित की है, जो महासभा के चुनाव का काम देखेगी। खास बात है कि पिता और पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के निधन के बाद कुलदीप को महासभा का संरक्षक बनाया गया था।

चुनाव के नतीजे

बिश्नोई परिवार का गढ़ रही आदमपुर सीट पर कुलदीप के बेटे भव्य को हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार चंद्र प्रकाश ने 1268 मतों के अंतर से हरा दिया था। भव्य को 64 हजार 103 वोट मिले थे। इससे पहले कुलदीप यहां से विधायक रह चुके हैं।

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