Report by manisha yadav
रायपुर, प्रधानमंत्री जनमन योजना विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। इसके तहत शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का सीधा-सीधा लाभ इन वर्गों को मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार ने गरीबों की चिंता करते हुए सबके लिए पक्की छत की संकल्पना के साथ कार्य कर रही है। साय सरकार का प्रदेश में सभी गरीब परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराना पहली प्राथमिकता में है और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
इन्हीं योजनाओं में से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने वाले धमतरी जिले के मगरलोड विकासखंड के ग्राम पंचायत खड़मा स्थित नवाडीह बसाहट के श्री रामसिंग कमार अपने खुद के आशियाने में गृह प्रवेश करते हुए कहते हैं कि प्रधानमंत्री जनमन योजना ने उनकी दशा और दिशा बदल दी है।
श्री रामसिंग कमार बताते हैं कि प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत वर्ष 2023-24 में उन्हें आवास की स्वीकृति मिली। इसके बाद उन्हें अपने खुद के पक्के मकान की उम्मीद पूरी होती दिखाई देने लगी। उन्होंने बताया कि पहली किश्त की राशि 40 हजार रुपये मिलते ही उनकी उम्मीद पक्की होने लगी। इसके बाद ग्राम पंचायत स्तर के तकनीकी मार्गदर्शन के आधार पर आवास निर्माण कार्य शुरू किया गया और प्रगति के आधार पर जैसे-जैसे किश्त की राशि मिलती गई, वैसे-वैसे कार्य स्तर बढ़ता गया और उनके सपनों का घर पूरा तैयार हो गया। इसमें अभिसरण के जरिए मनरेगा अंतर्गत 90 दिनों की मजदूरी राशि 19 हजार 890 रुपये एवं आवास की अनुदान राशि दो लाख रुपये, इस तरह कुल दो लाख 19 हजार 890 रुपये उन्हें शासन से मिले। घर में प्रवेश करते हुए श्री रामसिंग कमार खुशी से फूला नहीं समाए। उन्होंने इसके लिए देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री का हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया कि उनके सपनों का आशियाना मिल गया।
श्री रामसिंग कमार अपनी आपबीती सुनाते हुए बताते हैं कि वर्ष 2023 में पत्नी की मृत्यु हो जाने के बाद उनके परिवार की स्थिति काफी खराब हो गई थी तथा परिवार में 3 पुत्रों के साथ 4 सदस्यों का कच्ची झोपड़ीनुमा घर में निवास करना दूभर हो रहा था। आए दिन जंगल से कीड़े, सांप, बिच्छू इत्यादि से डर बना रहता था। इसके अलावा बारिश में पानी टपकने, बंदरों द्वारा खपरैल तोड़ने से काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था।
गौरतलब है कि मगरलोड विकासखंड के ग्राम पंचायत खड़मा में 159 परिवार निवासरत हैं, जिनका मुख्य व्यवसाय कृषि एवं वनोपज आधारित है। यहां प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत वर्ष 2016-17 से 2022-23 तक कुल 100 एवं प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत वर्ष 2023-24 में 30 परिवारों को आवास की स्वीकृति मिली है। इस तरह कुल स्वीकृत 130 आवासों में से 117 आवास पूरे कर लिए गए हैं।