Report by manisha yadav
रायपुर। छत्तीसगढ़ के छोटे से गांव की दिव्या निषाद आज हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं. उनके कठिन परिश्रम और आत्मविश्वास ने उन्हें वह मुकाम दिलाया है, जिसकी लोग कल्पना भी नहीं कर सकते. दिव्या ने सरकार की लखपति दीदी योजना के तहत न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता पाई, बल्कि अपने गांव और आसपास के क्षेत्र में अन्य महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम की है. अब उनकी उपलब्धियों को सम्मानित करते हुए, उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा गणतंत्र दिवस के मौके पर सम्मानित किया जाएगा.
राजनांदगांव जिले के ग्राम कुसमी की लखपति दीदी दिव्या निषाद 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित एट होम रिसेप्शन में शामिल होंगी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें सम्मानित करेंगी. लखपति दीदी दिव्या निषाद ने विपरीत और संघर्षपूर्ण स्थिति में भी हार नहीं मानी और राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान से जुड़कर सफलता की नई इबारत लिखी है. दिव्या निषाद ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह सम्मान की बात है कि लखपति दीदी के तौर पर राष्ट्रपति भवन जाने का अवसर मिल रहा है. उन्होंने बताया कि यह जानकर बहुत अच्छा महसूस हो रहा है और घर में सभी खुश हैं.
लखपति दीदी योजना: आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम
लखपति दीदी योजना, विष्णुदेव साय सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को स्वावलंबी बनाना और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करना है. इस योजना के तहत महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के माध्यम से जोड़कर छोटे उद्योगों, कृषि आधारित कार्यों और अन्य उद्यमशीलता गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है. दिव्या निषाद ने इस योजना का लाभ उठाकर अपने जीवन को पूरी तरह बदल दिया.
दिव्या निषाद का सफर
दिव्या एक सामान्य किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके परिवार की आय सीमित थी, लेकिन दिव्या हमेशा अपने सपनों को पूरा करना चाहती थीं. दिव्या निषाद ने बताया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और वर्ष 2021 में कोविड-19 की वजह से उनके पति की आकस्मिक मृत्यु हो गई. उन्होंने बताया कि गरीबी की स्थिति थी और उन्हें किसी भी तरह का अनुभव और ज्ञान नहीं था. पति की आकस्मिक मृत्यु के दुख ने परिवार को अंदर तक झकझोर दिया. ऐसे समय में अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए तथा अपने बच्चों के पालन-पोषण के लिए समूह की दीदियों से मुझे हिम्मत मिली और मैंने कुछ कार्य करने का निर्णय लिया. जब उनके गांव में लखपति दीदी योजना की शुरुआत हुई, तो उन्होंने तुरंत एक स्वयं सहायता समूह में शामिल होकर समूह के उत्पादक गतिविधियों में सक्रिय हो गई.
दिव्या निषाद ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुड़ने के बाद मेरे जीवन में परिवर्तन आया और आज बिहान की बदौलत मेरा घर फल-फूल रहा है. अंतर्मुखी स्वभाव होने के कारण बिहान से जुड़ने से आत्मविश्वास बढ़ा. प्रशिक्षण के दौरान बहुत कुछ सीखने को मिला. उन्होंने बताया कि बैंक सखी, बैंक मित्र, पुस्तक लिखने का कार्य, समूह के अध्यक्ष एवं सचिव के कार्य तथा छोटे व्यापार प्रारंभ करने का कार्य सीखने लगी. उन्होंने बताया कि वह जय माँ अम्बे स्वसहायता समूह से जुड़ी हुई हैं. समूह में कार्य करने के दौरान आत्मविश्वास बढ़ा और समूह के माध्यम से ऋण लेकर छोटा सा व्यापार प्रारंभ किया.. उन्होंने बताया कि उनकी सालाना आय 4 लाख रूपए से अधिक है और वह बहुआयामी कार्य कर रही हैं. बैंक सखी, बैंक मित्र के अलावा उनकी ग्राम भर्रेगांव में साड़ी एवं बच्चों के रेडीमेड कपड़ों की दुकान है. उन्होंने बताया कि समूह से ऋण लेकर ही उन्होंने अपने घर में ही किराने की दुकान भी प्रारंभ की है. अब उन्होंने अपना पक्के का मकान बना लिया है. आजीविका मूलक गतिविधियों से जुड़े हुए सिलाई एवं अन्य कार्य कर रही हैं.
शुरुआती कठिनाइयों के बावजूद दिव्या ने हार नहीं मानी.. उनकी मेहनत रंग लाई और आज वह सालाना आय 4 लाख रूपए से अधिक और प्रतिमाह लगभग 33 हजार रूपए की कमाई कर रही हैं. दिव्या ने अपनी आय का एक हिस्सा गांव की अन्य महिलाओं को प्रशिक्षित करने और रोजगार के अवसर देने में भी लगाया..उल्लेखनीय है कि 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित एट होम रिसेप्शन के लिए देश भर से 10 लखपति दीदियों का चयन किया गया है, जिसमें से राजनांदगांव जिले से लखपति दीदी दिव्या निषाद का चयन किया गया है. केंद्र शासन की लखपति दीदी योजना महत्वपूर्ण पहल है, जिसके तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए कार्य किया जा रहा है. इस योजना के तहत महिलाओं को अपना व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए 5 लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जाता है.
राष्ट्रपति के हाथों सम्मान का गौरव
दिव्या की लगन और सफलता ने उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई. उनकी प्रेरक कहानी ने सरकार और प्रशासन का ध्यान खींचा और उन्हें राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण पुरस्कार के लिए चुना गया. इस सम्मान को प्राप्त करने के लिए दिव्या अब राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पुरस्कार ग्रहण करेंगी.
प्रेरणा की कहानी
दिव्या निषाद ने साबित कर दिया है कि अगर सही दिशा और अवसर मिले, तो महिलाएं किसी भी क्षेत्र में कामयाबी हासिल कर सकती हैं. लखपति दीदी योजना ने न केवल दिव्या की जिंदगी बदली, बल्कि उनके माध्यम से सैकड़ों अन्य महिलाओं को भी स्वावलंबी बनने का मार्ग दिखाया. आज दिव्या न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का प्रतीक बन गई हैं. उनका सम्मान पूरे राज्य के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा और यह कहानी हर महिला को अपने सपनों के प्रति मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगी.