Report by manisha yadav
दंतेवाड़ा – बचेली: जिले में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन लोन वर्राटू (घर वापस आईये) अभियान और छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के तहत, पुलिस प्रशासन और सीआरपीएफ द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस पहल के अंतर्गत भटके हुए माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए संवाद और संपर्क किया जा रहा है।
इसका प्रभाव देखते हुए, शीर्ष माओवादियों सहित अन्य माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं। नक्सलियों की हिंसक और आधारहीन विचारधारा, स्थानीय आदिवासियों पर अत्याचार, और संगठन के भीतर के आंतरिक मतभेदों के कारण कई युवा अब समाज में वापस लौटने का निर्णय ले रहे हैं।
**आत्मसमर्पित माओवादी:**
1. **आयता उर्फ नंदू माड़वी** (पिता: स्व. सोमडू माड़वी, उम्र: लगभग 35 वर्ष, जाति: माड़िया, निवासी: माड़गादम पटेलपारा, थाना कटेकल्याण) – (ईनाम: 2 लाख)
2. **हिड़मा माड़वी** (पिता: स्व. पाण्डू माड़वी, उम्र: लगभग 18 वर्ष, जाति: माड़िया, निवासी: माड़गादम पटेलपारा, थाना कटेकल्याण) – (ईनाम: 2 लाख)
3. **देवा हेमला** (पिता: बुध राम हेमला, उम्र: लगभग 29 वर्ष, जाति: मुरिया, निवासी: ककाड़ी पटेलपारा, थाना अरनपुर, जिला दन्तेवाड़ा)
इन माओवादियों ने 21 अक्टूबर 2024 को पुलिस उप महानिरीक्षक दन्तेवाड़ा रेंज, श्री कमलोचन कश्यप, और अन्य अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
**आत्मसमर्पित माओवादियों की गतिविधियाँ:**
– आयता उर्फ नंदू माड़वी ने 2020 और 2023 में विभिन्न मुठभेड़ों में भाग लिया।
– हिड़मा माड़वी भी 2023 में मुठभेड़ में शामिल रहा।
इन माओवादी को पुनर्वास नीति के तहत 25 हजार रुपये की सहायता राशि के साथ अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसके साथ ही, व्यवसायिक प्रशिक्षण और आवास की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। अब तक, लोन वर्राटू अभियान के तहत 204 ईनामी सहित कुल 880 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं।