Report by manisha yadav
धमतरी. जिले में जल संरक्षण की दिशा में अनेक कार्य किए जा रहे हैं। इन्हीं में से एक है रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम। जिला प्रशासन द्वारा जल संरक्षण के लिए लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए नारी शक्ति से जल शक्ति अभियान, जल जगार महोत्सव सहित रबी के सीजन में धान के बदले दलहन, तिलहन और नगदी फसल लेने किसानां को प्रोत्साहित करना इत्यादि शामिल हैं। नतीजन शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी विभिन्न भवनों में जल संरक्षण के लिए रैनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किया गया है। नगरपालिक निगम धमतरी ने वर्ष 2011 से वर्ष 2023-2024 तक रेनवाटर हार्वेस्टिंग के 1094 सिस्टम स्थापित किए हैं, जिनमें से 15 शासकीय भवनों में ये प्रणालियाँ लागू हो चुकी हैं और शासन के पोर्टल पर अपलोड की गई हैं। वहीं वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित लक्ष्य 216 भवनों का है, जिनमें से 7 भवनों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और 32 भवनों में यह प्रक्रिया प्रगति पर है।
रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से ना केवल वर्षा जल का संरक्षण किया जाता है, बल्कि गिरते भूजल स्तर में भी इजाफा होता है, जिससे आसपास के नलकूप, पानी के स्त्रोत इत्यादि में जल स्तर बढ़ता है। इसके साथ ही जल आपूर्ति के लिए आमतौर पर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है, जैसे कि पंपिंग और शुद्धिकरण प्रक्रियाएं। रेनवाटर हार्वेस्टिंग से ये आवश्यकताएं कम हो सकती हैं। रेनवाटर हार्वेस्टिंग से न केवल जल संकट का समाधान होता है, बल्कि यह पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी फायदेमंद है। यह जलवायु परिवर्तन को धीमा करने में मदद करता है, और स्थानीय जलवायु की स्थिति को बेहतर बनाता है। रेनवाटर हार्वेस्टिंग जल संचयन का एक महत्वपूर्ण उपाय है, जो जल संकट को हल करने में अहम भूमिका निभाता है। इस प्रणाली को अपनाकर हम न केवल जल का संरक्षण कर सकते हैं, बल्कि पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिए भी एक स्थायी समाधान प्राप्त कर सकते हैं।