Report by manisha yadav
महासमुंद. राज्य और केन्द्र सरकार की योजनाओं का मकसद लोगों को रोजगार मांगने वाला नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला बनाना है। महासमुंद ब्लॉक के रहने वाले श्री प्रेमनारायण साहू ने प्रधानमंत्री सृजन योजना का लाभ लेकर इस उद्देश्य को पूरा किया है। आज वे सरकारी योजना से मिली मदद से प्रेम अमृततुल्य’ टी शॉप सफलता के साथ चला रहे हैं।
प्रेमनारायण साहू ने बताया कि उन्होंने स्नातक तक पढ़ाई की है, कॉलेज की पढ़ाई के दौरान राजधानी रायपुर में उन्होंने अमृत तुल्य चाय की फ्रैंचाइज़ी के बारे में पता किया। इसके बाद उन्होंने फैसला किया कि अपने शहर महासमुंद में इसकी शुरुआत करेंगे। चाय व्यवसाय में रुचि होने के कारण उन्होंने ’आरोग्य अमृततुल्य’ के माध्यम से चाय बनाने की विधिवत ट्रेनिंग ली। लेकिन दुकान खोलने के लिए लगने वाले फण्ड के अभाव में यह कार्य आत्मविश्वास के साथ नहीं कर पा रहे थे। उनके मित्र ने उन्हें छतीसगढ़ खादी ग्रामोद्योग विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की जानकारी दी, उन्होंने खादी ग्रामोद्योग विभाग में जाकर इस योजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर ऋण आवेदन आवश्यक दस्तावेजों के साथ विभाग में जमा किया। उनकी रुचि को देखते हुए बैंक ने उन्हें 3,50,000 रुपए का ऋण स्वीकृत किया। प्रेमनारायण बताते हैं कि ऋण मिलने के बाद उन्होंने बी टी आई रोड पर प्रेम अमृततुल्य’ टी शॉप शुरू किया। उनकी मेहनत से टी शॉप अच्छा चल रहा है। अब वह महीने में लगभग 30,000 रुपए की आय प्राप्त कर रहे हैं, जिससे वह न केवल अपने परिवार की आवश्यकताएं पूरी कर रहे हैं, बल्कि नियमित रूप से बैंक का ऋण भी चुका रहे हैं।
प्रेमनारायण ने बताया कि उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर एकदम शून्य से अपनी शुरुआत की है, दो वर्ष पहले जब अमृततुल्य की शुरुआत हुई तब एक ही सहयोगी साथ में काम करता था। अब वे बेहद खुशी महसूस करते हैं कि कुल 3 लोगों को रोजगार मुहैया करा रहे हैं, इसके साथ ही पिताजी जो पहले इलेक्ट्रीशियन का काम करते थे, उन्होंने भी अब वह काम छोड़ दिया है और शॉप में अब बतौर सहयोगी काम करते हैं। पहले शॉप की शुरुआत सिर्फ चाय बेचने से हुई थी लेकिन अब गर्मियों के मौसम के लिए सोडा और खाने-पीने के लिए रेस्तराँ की तर्ज़ पर स्नैक्स की भी सुविधा है। प्रेमनारायण बताते हैं कि महासमुंद में ऐसी कोई जगह नहीं थी, जहां युवा महिलाएं आराम से बैठकर चाय का आनंद ले सकें। अमृत तुल्य चाय शॉप ने इस कमी को पूरा किया।
प्रेमनारायण को शुरुआती दिनों में आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। कुछ लोग उनकी पढ़ाई के बावजूद चाय बेचने के फैसले का मजाक उड़ाते थे। लेकिन उन्होंने आलोचनाओं को नजरअंदाज करते हुए अपने काम में निरंतरता रखी। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को देते हैं और सरकार तथा खादी ग्रामोद्योग विभाग का आभार व्यक्त करते हैं, जिनके सहयोग से उन्हें अपना व्यवसाय स्थापित करने का अवसर मिला। इस योजना से प्रेरित होकर उनके जैसे कई युवा आत्मनिर्भर बनने और अपने परिवार का भविष्य उज्जवल बनाने का सपना देख सकते हैं।