Report by manisha yadav
रायपुर। प्रेस क्लब रायपुर में 21 ता रविवार को छत्तीसगढ़ के दिवंगत मूर्धन्य साहित्यकारों के स्मरण को उनके साहित्यिक आवदानों को अक्षुण्ण बनाए रखने ‘पुरखा मन के सुरता’ का आयोजन ‘आरुग चौरा’कला संस्कृति मंच द्वारा किया गया। संस्था का मूल उद्देश्य छत्तीसगढ़ के साहित्य-कला-संस्कृति के लिए जीवन होम करने वाले समस्त नीव के पत्थर साहित्यकारों के व्यक्तित्व-कृतित्व को नई पीढ़ी को अवगत कराना,साथ ही छत्तीसगढ़ी भाषा-बोली पर विद्वान साहित्यकारों द्वारा गूढ़ तथ्यात्मक व्याकरण-मानकीकरण इत्यादि विषयो पर प्रकाश डालना, साथ ही छत्तीसगढ़ के लोक परब,लोक कला,लोक कला संस्कृति पर व्यापक चर्चा और प्रदर्शन , आरुग पत्रिका की भूमिका और अन्य सामाजिक सरोकार इत्यादि पर समय-समय मे विचार प्रमुख है।
इसी कड़ी में ‘आरुग चौरा’ द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला और कवि गोष्ठी 21 ता रविवार को प्रेस क्लब रायपुर में आयोजित हुवा।जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में माननीय मिरी संयुक्त कलेक्टर दुर्ग,मुख्य वक्ता माननीय डॉ पीसी लाल यादव वरिष्ठ साहित्यकार गंडई , मान. रामेश्वर शर्मा जी रायपुर, डॉ वैभव बेमेंतरिहा जी रहे।सर्वप्रथम माँ सरस्वती और छत्तीसगढ़ महतारी के तैल चित्र में दीपप्रज्जवलन-माल्यार्पण कर साथ ही राजकीय गीत द्वारा कार्यक्रम आरंभ हुआ। तत्पश्चात शोभा मोहन श्रीवास्तव द्वारा अतिथि सत्कार गीत के माध्यम से किया गया।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में समस्त अतिथियों का स्वागत-सम्मान आरुग चौरा संस्था के संयोजक ईश्वर साहू ‘आरुग’,ईश्वर ‘बंधी’,शोभा मोहन श्रीवास्तव,मिनेश साहू,नागेश वर्मा व धनराज साहू द्वारा किया गया। स्वागत भाषण और कार्यक्रम की प्रस्तावना संस्था के संयोजक ईश्वर साहू ‘आरुग ‘ द्वारा विस्तार से रखा गया।तदुपरांत माननीय अतिथियों द्वारा उद्बोधन आशीर्वचन प्रदान किया गया। माननीय मुख्य अतिथि श्री हरवंश सिंह मिरी जी (संयुक्त कलेक्टर,दुर्ग) द्वारा अपने उद्बोधन में अपनी निज भाषा की उन्नति एवं लोक जनमानस में उपयोगी शब्द का सम्मान करें जिससे हमारा अस्तित्व है साथ ही उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया गया।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता माननीय डॉ पीसी लाल यादव जी ने वर्तमान में नई पीढ़ी के कवि एवं साहित्यकार के द्वारा शब्दों का चयन, काव्य लेखन में सही शब्दों उपयोग, उद्देश्य, मात्रात्मक त्रुटियां, एवं पुरोधा साहित्यकारों के द्वारा लिखी साहित्य का पठन-पाठन के साथ छत्तीसगढ़ी भाषा के व्याकरण के सृजक श्रद्धेय स्व हीरा लाल काव्योपाध्याय जी के व्याकरण की महत्ता पर महत्वपूर्ण जानकारियां दिया गया।इसी कड़ी में वरिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर शर्मा जी द्वारा अपने उद्बोधन में.लोक साहित्यकार श्रद्धेय बद्री विशाल परमानंद गुरूजी द्वारा लिखी गई अमर गीतों पर चयनित शब्द व भाव नई पीढ़ी के लिए लेखन शैली में मार्ग प्रशस्त करता है।डॉ वैभव बेमेतरिहा ने उक्त आयोजन के संबंध में अपनी बात रखते हुए आज वर्तमान में छत्तीसगढ़ी भाषा पर हो रही बहुत क्षेत्रों भेदभावपूर्ण व्यवहार शासन प्रशासन से जुड़ी हुई समस्या के साथ नव कलमकारों के साहित्य सृजन पर अपने निज भाषा की उन्नति पर चिंता जताते हुए एकजुट होकर भाषा एवं छत्तीसगढ़ी भाषा के राज भाषा की दर्जा मिले साथ ही लोक,संस्कृति एवं साहित्य में एक नव सृजन हो।तत्पश्चात संस्था के सदस्यों द्वारा जुलाई महीने में जयंती और पुण्यतिथि अनुसार दिवंगत साहित्यकारों के जीवनी ,व्यक्तित्व-कृतित्व के ऊपर प्रकाश डाला गया ,साहित्य-कला-संस्कृति में उनके अवदानों को नई पीढ़ी को परिचय कराया गया।जिसमें डॉ खूबचंद बघेल की जीवनी ईश्वर ‘बंधी’, डॉ द्वारिका प्रसाद तिवारी ‘विप्र’ की जीवनी मिनेश साहू ,बद्री बिशाल परमानंद की जीवनी वरिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर शर्मा जी,मेहतर राम साहू गुरुजी के साहित्यिक -सांस्कृतिक परिचय सुरेंद्र मानिकपुरी जी महासमुंद , ग.सी.रामपल्लीवार जी का जीवन परिचय ,पुरखा लोक गायिका दुखिया बाई मरकाम व लोक गायक पंचराम मिर्झा जी की सांस्कृतिक यात्रा की सम्पूर्ण जानकारी डॉ पीसी लाल यादव जी द्वारा प्रदान किया गया। पुरखा साहित्यकारों ने अपने जीवन काल मे जो सामाजिक-सांस्कृतिक यात्रा की उसकी सम्पूर्ण जानकारी नई पीढ़ी के लिए अविष्मरणीय रहा,साथ ही उन्हें दिशा बोध भी मिला।
कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव में उपस्थित साहित्यकारों द्वारा कवि गोष्ठी का प्रारम्भ हुवा जिसमे प्रमुख रूप से श्री जोहन भार्गव जी, श्री दिलीप टिकरिहा जी, श्री देवचरण धुरी जी, श्री जलेश्वर दास जी, श्री मोहन साहू जी, श्री मन्नू लाल यदु जी (बद्री विशाल यदु जी के पुत्र), श्रीमती अनीता झा जी द्वारा रचना पाठ किया गया, उक्त कार्यक्रम मे विभिन्न जिले के साहित्यकार उपस्थित रहे। सभा का सफल संचालन डॉ विकास अग्रवाल रंगकर्मी एवं समीक्षक रायपुर और गोष्ठी का सफल संचालन राष्ट्रीय कवि अजय अटपटू (बागबाहरा) द्वारा किया गया, अंत मे कार्यक्रम संयोजक ईश्वर साहू ‘आरुग’आभार व्यक्त करते हुए सभा का समापन किया गया।