Report by manisha yadav
जगदलपुर, छत्तीसगढ़ के बस्तर दशहरा पर्व की शुरुआत श्रावण हरियाली अमावस्या यानी रविवार से हो जायेगी।
इस दिन रथ बनाने के लिए जंगल से पहली लकड़ी ठुरलू खोटला माचकोट के जंगल से लेकर ग्रामीण आयेंगे। इस रस्म को पाट जात्रा कहा जाता है। वर्षों से चली आ रही परम्परा के अनुसार पाठ जात्रा के लिए ठुरलू खोटला लाने का जिम्मा बिलोरी के ग्रामीणों को दी गई है। ऐतिहासिक बस्तर दशहरा इस साल तृतीया तिथि दो दिन होने के कारण 15 की जगह 75 दिनों का होगा।
विश्व प्रसिद्ध दशहरा पर्व वर्ष 2024 का प्रथम विधान पाट जात्रा पूजा है। हरियाली अमावस्या के दिन रविवार को पाट जात्रा पूजा विधान कार्यक्रम मां दंतेश्वरी मंदिर के सामने प्रातः 11 बजे सम्पन्न किया जाएगा। इसके बाद 16 सितम्बर को डेरी गड़ाई, दाे अक्टूबर को काछन गादी और तीन अक्टूबर को कलश स्थापना के साथ जोगी बिठाई रस्म होगी। पांच से 10 अक्टूबर तक रथ परिक्रमा कराया जाएगा।