आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान पर सियासी घमासान मचा हुआ है. भागवत ने स्पीच देते हुए कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश की सच्ची स्वतंत्रता इस दिन प्रतिष्ठित हुई थी. उनके इस बयान पर जुबानी जंग छिड़ गई है. इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत का यह बयान राजद्रोह के समान है. भागवत ने जो कहा है वह हर भारतीय का अपमान है और किसी दूसरे देश में ऐसा होने पर तो भागवत अब तक गिरफ्तार किए जा चुके होते. इसके अलावा उन्होंने क्या कुछ कहा जानते हैं.
राहुल गांधी ने घेरा
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत का यह बयान राजद्रोह के समान है कि भारत को सच्ची स्वतंत्रता राम मंदिर बनने के बाद मिली, राहुल ने पार्टी के नए मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भागवत ने जो कहा है वह हर भारतीय का अपमान है और किसी दूसरे देश में ऐसा होने पर तो भागवत अब तक गिरफ्तार किए जा चुके होते. ‘‘भागवत ने जो कहा है वह राजद्रोह के समान है क्योंकि उनके कहने का मतलब है कि संविधान अवैध है, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई अवैध है.
दूसरे देश में तो अब तक उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता और उन पर मुकदमा चलाया जाता’, साथ ही साथ कहा कि अब समय आ गया है जब इस तरह की बकवास सुनना बंद होना चाहिए, उन्होंने कहा, ‘‘दो विचारों के बीच लड़ाई है, एक हमारा विचार है जो संविधान का विचार है और दूसरी तरफ आरएसएस का विचार है जो इसके उलट है.’’ इसके अलावा कहा कि ‘‘देश में कोई दूसरा दल नहीं है जो भाजपा और आरएसएस के एजेंडे को रोक सके, सिर्फ कांग्रेस ही इन्हें रोक सकती है क्योंकि हम एक विचारधारा वाली पार्टी हैं’’
ये भी बोले राहुल गांधी
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी कहते हैं, “आज जो लोग सत्ता में हैं, वे तिरंगे को सलाम नहीं करते, राष्ट्रीय ध्वज को नहीं मानते, संविधान को नहीं मानते और भारत के बारे में उनका नजरिया हमसे बिल्कुल अलग है, वे चाहते हैं कि भारत को एक छायादार, छुपे हुए, गुप्त समाज द्वारा चलाया जाए, वे चाहते हैं कि भारत को एक आदमी द्वारा चलाया जाए और वे इस देश की आवाज को कुचलना चाहते हैं, वे दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ी जातियों और आदिवासियों की आवाज को कुचलना चाहते हैं, यह उनका एजेंडा है और मैं यह भी स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगा कि इस देश में कोई भी दूसरी पार्टी नहीं है जो उन्हें रोक सके, उन्हें रोकने वाली एकमात्र पार्टी कांग्रेस पार्टी है, इसका कारण यह है कि हम एक वैचारिक पार्टी हैं और हमारी विचारधारा कल नहीं आई है, हमारी विचारधारा आरएसएस की विचारधारा की तरह हजारों साल पुरानी है और यह हजारों सालों से आरएसएस की विचारधारा से लड़ रही है.”
क्या था बयान
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश को सच्ची स्वतंत्रता इस दिन मिली थी. इस पर कांग्रेस और शिवसेना ने पलटवार किया है. इनपुट- भाषा