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विदेश जाता हूं, तो एक बात छुपाने की कोशिश करता हूं; जयशंकर ने बताया क्यों आती है ‘शर्म’

नई दिल्ली. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने दिल्ली में दक्षिण भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में मूलभूत सुविधाओं की कमी पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जब वे विदेश यात्रा पर जाते हैं, तो उन्हें यह बताने में शर्म महसूस होती है कि दिल्ली के लोग आज भी आवश्यक सुविधाओं से वंचित हैं।

उन्होंने कहा, “जब भी मैं विदेश जाता हूं, तो वहां की सरकारें मुझसे पूछती हैं कि ये बताइए आपके यहां बहुत बड़ी चीजें हो रही हैं। हम जानते हैं कि लोगों को फ्री राशन मिलता है। लोगों को घर मिलता है। लोगों को बिजली मिलती है। लोगों को पानी, गैस सिलेंडर मिलता है। ये बहुत बड़ी संख्या है। अगर आप देखें तो जितने लोगों को घर मिलता है.. वो पूरे जापान की आबादी से ज्यादा है। जितने लोगों को सिलेंडर मिलता है वह जर्मनी की आबादी से ज्यादा है। मैं बहुत गर्व के साथ ये बात दुनिया के सामने रखता हूं।”

डॉ. जयशंकर ने आगे कहा, “पर मैं दुनिया से एक चीज छिपाता हूं.. और ये मुझे छुपाना पड़ता है। मुझे देश के बाहर जाकर ये कहने में शर्म आती है कि भारत की राजधानी में घर नहीं मिलता। मुझे शर्म आती है यह कहने में कि देश की राजधानी में रहने वाले लोगों को गैस सिलेंडर, जल जीवन मिशन के तहत पाइप से पानी और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 10 वर्षों में दिल्ली पिछड़ गई है।”

आगामी विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यहां के निवासियों को उनके अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “दिल्ली के निवासियों को पानी, बिजली, गैस, सिलेंडर और स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रखा गया है। अगर यहां की सरकार आपको आपका अधिकार नहीं दे रही है, तो 5 फरवरी को यह सोचने की जरूरत है कि इस सरकार को बदला जाना चाहिए।”

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