Report by manisha yadav
रायपुर। प्रदेश में महतारी वंदन योजना लागू होने से माताएं बहनों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। महिलाएं चाहे वह कामकाजी हो अथवा गृहणी, वे सबसे पहले अपने परिवार के बारे में सोचती हैं और परिवार के स्वास्थ्य, दिनचर्या, बच्चों की पढ़ाई, घर की जरूरतों इत्यादि को पूरा करने में समय और पैसा खर्च कर देतीं हैं। अपने लिए तो कभी सोचतीं हीं नहीं हैं। ऐसी ही कहानी है धमतरी शहर से लगे ग्राम मुजगहन की श्रीमती कृष्णा सेन और उनकी तीनों बहुओं श्रीमती तरूण, श्रीमती पुष्पा और श्रीमती ममता का। वैसे तो सास सहित बहुएं कुछ न कुछ कार्य करती हैं और घर खर्च के लिए अपने-अपने पति का हाथ बटातीं हैं, लेकिन स्वयं के लिए कभी भी खर्च नहीं कर पातीं।
सास कृष्णा बाई बतातीं हैं कि उनके पति पवन कुमार सेन सेलून का कार्य किया करते थे, लेकिन अधिक उम्र और बेटों का इस काम में हाथ बटाने के कारण अब नहीं करते हैं। उनके बेटे सेलून का काम करते है। बहुए क्रमश: तरूण, पुष्पा और ममता भी घरेलू काम के साथ अन्य कार्य करती है। अपने परिवार और बच्चों की पढ़ाई एवं अन्य जरूरतों में खर्च करते हैं। वे बतातीं हैं शासन द्वारा मिल रही महतारी वंदन योजना की राशि को अब वे अपने निजी जरूरतों को पूरा करने में खर्च करतीं हैं। उन्होंने कहा कि जब भी अपने लिए खर्च के बारे में सोचो, परिवार और बच्चों की जरूरतें ख्याल में आ जातें थे, लेकिन अब वे निश्चिंत होकर अपने लिए खर्च करने के बारे में सोचतीं हैं और काफी खुश रहतीं हैं। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का धन्यवाद दिया है।