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स्वच्छ भारत मिशन की सफलता की कहानी: कुरूद की स्वच्छता दीदीयां कचरा प्रबंधन से कमा रहीं अतिरिक्त आय

Report by manisha yadav

धमतरी. नगर पंचायत कुरूद की स्वच्छता दीदियां अपशिष्ट से आय अर्जित कर रही हैं। वे गत एक साल से कचरा बेचकर 3 लाख 24 हजार रुपाए की अतिरिक्त आमदनी प्राप्त की है। अनुबंधित कम्पनी से अनुमानित 55 हजार रूपये आना शेष है। घर-घर कचरा कलेवशन से मिले सूखा कचरा से यह फायदा उन्हें मिला है।
दरअसल नगरपंचायत कुरूद के 15 वार्डों में एक एसएलआरएम सेंटर है, जिसमें करीब 24 स्वच्छता दीदियां काम कर रहीं है। हर दिन सुबह ये डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए निकल पड़ती हैं। इसके बाद पुट्ठा, प्लास्टिक से बने सामान, टीना-लोहा से बने सामग्री, शीशी-बोतल, न्यूज पेपर यानी घरों से निकलने वाले कचरा लेती हैं। इसके बाद इस कचरे को एसएलआरएम सेंटर लाया जाता है। एसआरएलएम केंद्र में सुखे कचरों की छ्टनी की जाती हैं। इस छटनी में गीले कचरे से खाद बनाने का काम किया जाता है और सूखे कचरे को तोड़कर बड़ी-बड़ी बोरियों में पैक कर रख दिया जाता है। पुट्ठा को बेलिंग मशीन द्वारा बेल किया जाता है। इस सूखे कचरे को हर महीने स्वच्चछता दीदीयों द्वारा संबंधित अनुबंधित फर्म को बेचा जाता हैं। एक एसएलआरएम सेंटर में 30 हजार से 50 हजार रुपए तक का सूखा कचरा हर माह बेचा जाता है। यह पैसा समूह के खाते में आता है, जिसके बाद दीदियों द्वारा आपस में बांट लिया जाता है। इस प्रकार हर महीने सात हजार 200 रूपये मानदेय के अतिरिक्त एक हजार 500 से दो हजार रूप्ये अतिरिक्त लाभ दीदियां अर्जित कर रहीं हैं।

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