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विष्णुदेव साय की सरकार का रहस्य: कौन है असली मुख्यमंत्री?

Report by manisha yadav

छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. चरणदास महंत ने रविवार को मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मेरे द्वारा छत्तीसगढ़ में धान को लेकर जो सवाल उठाया है उस पर विष्णुदेव साय सरकार व उनको चलाने वाले किसी भी मंत्री या अन्य नेताओं का कोई भी स्पष्टीकरण नहीं आया है, बेहद दुखद बात है.

डॉ. महंत ने सवाल किया है कि क्या साय सरकार ने मान लिया है कि भाजपा सरकार में 1 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है ? डॉ. महंत ने कहा कि प्रदेश में विपक्ष सकारात्मक भूमिका के साथ जनता के दुख दर्द और समस्याओं को प्रमुखता से उठा रहा है लेकिन सुनने वाला कोई नहीं हैैैै। अब तो विपक्ष के साथ-साथ दुर्ग के भाजपा के सांसद विजय बघेल ने भी साय सरकार को अपने वादे निभाने का समरण कराया है.

डॉ. महंत यहीं पर नहीं रुके उन्होंने प्रदेश भाजपा के कद्दावर नेता व आठ बार के विधायक और मंत्री रहे रायपुर लोकसभा के भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भी छत्तीसगढ़ में सीमेंट के एका एक बढ़े दर को लेकर सवाल उठाया है व प्रति बोरी 50 रुपए के दर से कीमत में जो वृद्धि हुई है उसे कम करने को कहा है। डॉ. महंत ने सवाल किया है कि मैं यह जानना चाहता हु 50 रुपये की वसूली आखिर किसके लिए हो रही है, कहीं चार राज्यों में चुनाव के लिए भाजपा सरकार फंड तो इकठ्ठा नहीं कर रही है, साय सरकार को जवाब देना चाहिए.

डॉ. महंत ने यह भी कहा कि अब तो प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा के बयान और रायपुर उत्तर के विधायक पुरन्दर मिश्रा के द्वारा छत्तीसगढ़ में घट रहे अपराध को लेकर जो सवाल किया है उसका भी जवाब साय सरकार को देना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश के लोग जानना चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ के साय सरकार को आखिर चला कौन रहा है? यदि यह सरकार केंद्र के इशारे पर चल रही है तो लोकसभा के सदस्यों के सवालों का जवाब आखिर भाजपा क्यों नहीं दे रही है। डॉ.महंत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के बजाय जनप्रतिनिधियों को झूठे मामले में फंसाने सरकार तानाबाना बुन रही है.

नेता प्रतिपक्ष डॉ महंत ने कहा, दुर्ग-भिलाई में बीती रात तीन युवकों की हत्या का मामला दु:खद है, प्रदेश में कानून की स्थिति बहुत खराब है, बीते दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तीन दिन छत्तीसगढ़ में रहकर गये हैं, उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि छत्तीसगढ़ के खदानों को निजी हाथों में सौंपने के लिए आए थे या नक्सली उन्मूलन पर क्या कुछ उनकी भूमिका रही है उसे भी प्रदेश के जनता के सामने रखना चाहिए। डॉ. महंत ने कोरबा जिला व उससे लगे जिले में हाथी अभ्यारण्य बनाने की वकालत करते हुए कहा कि इस मुद्दे को बिना किसी राजनैतिक चश्मे से देखने के बजाय केंद्र व प्रदेश सरकार को इसमे ठोस पहल किया जाना चाइये जिससे क्षेत्र में हो रहे हाथी व मानव द्वंद को रोककर बड़ी जन व धन हानि को रोकने कारगर कदम उठाया जाए, छत्तीसगढ़ में विकास के नाम पर सात महीनों में सरकार ने कोई ठोस कार्य नहीं किया है जबकि इस सरकार को विपक्ष ने 6 महीने का पूरा समय दिया। अब तो प्रदेश हित में सडक़ से लेकर विधानसभा तक लड़ाई लडऩे कांग्रेस तैयार है।

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