Report by manisha yadav
रायपुर। छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ाने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दुर्ग जिले के ग्राम पाहंदा स्थित ए.के.एस. स्मार्ट सिटी के रहवासियों और आबंटितियों के पक्ष में एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाते हुए, रेरा ने बिल्डर ए.के.एस. इंफॉटेक को 45 दिनों के भीतर 75 लाख 26 हजार 400 रुपये की राशि जमा करने का आदेश दिया है। यह आदेश बिल्डर द्वारा ब्रोशर में किए गए वादों के अनुसार स्विमिंग पूल और क्लब हाउस न बनाने पर जारी किया गया।
इस मामले की शुरुआत मई 2024 में हुई जब ए.के.एस. स्मार्ट सिटी के निवासी श्रीमती अनिता देवी, श्रीमती स्वाति केसरी, और शशिकांत भुआल ने रेरा के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। उनका कहना था कि उन्होंने 2019 में इस परियोजना में प्लॉट खरीदा था, जिसमें बिल्डर द्वारा स्विमिंग पूल और क्लब हाउस जैसी सुविधाएं देने का वादा किया गया था। हालांकि, बिल्डर ने 2020 में परियोजना का पूर्णता प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बावजूद इन सुविधाओं का निर्माण नहीं किया।
रेरा ने चार महीने की सुनवाई के बाद बिल्डर को आदेश दिया कि वह 25 लाख 17 हजार 400 रुपये स्विमिंग पूल और 50 लाख 9 हजार रुपये क्लब हाउस के लिए रहवासी सोसायटी के पक्ष में जमा करे।
छत्तीसगढ़ रेरा प्राधिकरण के गठन के बाद से राज्य में रियल एस्टेट सेक्टर में उपभोक्ताओं और प्रमोटरों के विवादों के निपटारे के लिए त्वरित कार्रवाई की जा रही है। अब तक कुल 2370 प्रकरणों का समाधान किया जा चुका है।
रेरा ने नागरिकों को जागरूक करते हुए सलाह दी है कि वे किसी भी जमीन या घर की खरीदारी से पहले रेरा पंजीकृत परियोजनाओं को ही प्राथमिकता दें। इसके लिए छत्तीसगढ़ रेरा की वेबसाइट (https://rera.cgstate.gov.in/) पर सभी पंजीकृत परियोजनाओं की जानकारी निःशुल्क उपलब्ध है, जिसे देखना बेहद जरूरी है ताकि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जा सके।