Report by manisha yadav
बालोद। जब कोई चीज इंसान के बूते से बाहर हो जाती है तो वह ईश्वरीय शक्ति पर भरोसा करते हुए मन्नत मांगता है. बालोद जिले में ऐसा ही एक अनोखा मंदिर है, जहां मन्नत पूरी होने पर मिट्टी और सीमेंट से बने घोड़े चढ़ाने की परम्परा है.
हम आपको बालोद जिला में स्थित एक ऐसी मंदिर के बारे में बतलाने जा रहे हैं. बालोद जिला मुख्यालय से लगभग 40 दूर ग्राम डेंगरापार में स्थापित हरदेवलाल बाबा का मंदिर है, जहां वर्षों से चली आ रही परम्परा के अनुसार, मुरादें पूरी होने पर श्रद्धालु साल में एक दिन बाबा को सीमेंट या मिट्टी से बने घोड़े और हाथी बाबा को समर्पित करते हैं.
प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष नवरात्र दशहरे के बाद प्रथम मंगलवार को हरदेवलाल बाबा के दरबार मे विशाल देव दशहरा मेले का आयोजन हुआ. इस दौरान भक्तों ने विशेष पूजा-अर्चना कर बाबा को उनकी सवारी मिट्टी और सीमेंट से बने घोड़े, हाथी समर्पित किया गया. इस वर्ष 500 से अधिक प्रतिमा बाबा को भेंट किया गया.