दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की नजर बीते विधानसभा चुनावों में दूसरे नंबर पर रहे प्रत्याशियों पर है। भाजपा और कांग्रेस के नेताओं को बड़ी संख्या में पार्टी में शामिल किया जा रहा है। पार्टी की रणनीति है कि विरोधी लहर को खत्म करने के लिए दूसरे दलों के मजबूत नेताओं को पार्टी में शामिल किया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद ऐसे नेताओं को ‘आप’ में शामिल करा रहे हैं। बीते एक महीने में सात से अधिक पूर्व विधायकों को ‘आप’ में शामिल कराया जा चुका है। ये वो उम्मीदवार हैं, जो 2020 के विधानसभा चुनाव तो हार गए थे, लेकिन दूसरे नंबर थे।
सबसे पहला नाम छत्तरपुर से ब्रहम सिंह तंवर ‘आप’ में शामिल हुए। सीलमपुर से कांग्रेस के पूर्व विधायक मतीन अहमद, सीमापुरी से कांग्रेस के पूर्व विधायक वीर सिंह धीगांन, सुमेश शौकीन भी ‘आप’ में शामिल हुए हैं। वहीं, भाजपा से शाहदरा से जितेंद्र सिंह शंटी, किराड़ी से अनिल झा ‘आप’ में आए। शुक्रवार को तिमारपुर में सुरिंदर पाल सिंह बिट्टू भी ‘आप’ में चले गए। ये सभी पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे हैं।
टिकट कटने का दौर जारी रहने की आशंका
आम आदमी पार्टी के सूत्रों की मानें तो अभी टिकट कटने का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। अगली सूची में भी कई विधायकों के टिकट कट सकते हैं। ‘आप’ उनके विकल्प तलाशने के बाद भी मौजूदा विधायकों से बात करके उनके टिकट काट रही है, क्योंकि पार्टी कोई अंदरूनी विरोध नहीं चाहती है। शाहदरा से विधानसभा सभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल और तिमारपुर से दिलीप पांडेय ने खुद चुनाव नहीं लड़ने की बात कही। टिकट कटने वाले विधायक अभी कहीं पार्टी का विरोध करते भी नहीं दिख रहे हैं।