सीरिया में विद्रोहियों ने राष्ट्रपति असद के शासन के अंत की घोषणा कर दी है। यहां पर विद्रोह के बीच एक नाम बहुत तेजी से उभरा है। यह नाम है मोहम्मद अल जोलानी। जोलानी हयात तहरीर अल शाम का प्रमुख है। कभी ईरान की अमेरिकी जेल में बंद रहे इस शख्स पर आज भी 10 मिलियन डॉलर का इनाम है। 42 साल के जोलानी ने सीरियाई राष्ट्रपति बशर-अल-असद के खिलाफ विद्रोह में अपनी रणनीतियों से सभी को हैरान किया है। वह सीरियाई सिविल वॉर का अहम चेहरा बन चुका है। आइए जानते हैं आखिर कौन है मोहम्मद अल जोलानी…
बचपन में ग्रॉसरी स्टोर में काम
जोलानी का असली नाम अहमद अल-शारा है। उसका जन्म साल 1982 में सीरिया में हुआ था। जोलानी के मुताबिक उसका शुरुआती जीवन संघर्ष में बीता। साल 1967 के युद्ध के दौरान उसके परिवार को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था। इसके बाद वह अपनी पहचान छुपाकर जीता रहा। साल 2021 में एक इंटरव्यू में जोलानी ने बताया कि वह दमिश्क में रहता था और अपने पिता के ग्रॉसरी स्टोर में काम करता था। लेकिन 11 सितंबर 2001 हमले के बाद जब अमेरिका ने आतंक के खिलाफ युद्ध शुरू किया तो वह बगदाद में अमेरिका के खिलाफ लड़ने पहुंच गया। यहां पर उसने अलकायदा ईरान के साथ मिलकर अमेरिकी सेना से लड़ाई लड़ी। साल 2005 में जब जोलानी की उम्र करीब 23 साल थी, वह मोसुल में गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उसे कैंप बुक्का में अमेरिकी जेल में रखा गया था।
सीरिया के सिविल वॉर में ऐसे आया
जोलानी को अमेरिकी कस्टडी से पांच साल बाद आजादी मिली। अलकायदा-ईरान ने अबू बकर अल बगदादी के नेतृत्व में खुद को इस्लामिक स्टेट के तौर पर पेश किया। हालांकि बाद में बगदादी और जोलानी में दुश्मनी हो गई, लेकिन एक वक्त दोनों बेहद करीबी दोस्त थे। साल 2011 में जब सीरिया में असद गवर्नमेंट ने विद्रोहियों पर हमले शुरू किए तो इस्लामिक स्टेट के नेता ने जोलानी को वहां अपने प्रतिनिधि के तौर पर भेजा। सीरियन सिविल वॉर शुरू होने के बाद जोलानी ने अलकायदा के सहयोगी के तौर पर जभत अल-नसरा की स्थापना की। बहुत जल्द ही इस संगठन ने बेहद खतरनाक पहचान बना ली।
कहां तक है दायरा
जभत अल-नसरा को साल 2012 में आतंकी संगठन घोषित कर दिया। इसके एक साल बाद जोलानी ने पहला टीवी इंटरव्यू दिया, जिसमें उसने कहाकि वह सीरिया को कड़े इस्लामिक कानून के तहत लाना चाहते हैं। बाद में 2016 में जोलानी ने जभत अल-नसरा का नाम बदलकर जभत अल-शाम रख दिया। इसके अलावा उसने अलकायदा से सभी संबंध भी खत्म कर लिए। साल 2016 में जभत अल-शाम और कुछ अन्य इस्लामी गुटों को मिलाकर तहरीर अल-शाम गुट बना। जोलानी के गुट उत्तरी पश्चिमी सीरिया में है। यहां पर इडलिब सिटी पर शासन करता है, जिसकी आबादी करीब 4.5 मिलियन है।