नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्यपाल को लिखा पत्र

Report by manisha yadav

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रामेन डेका को पत्र में लिखा कि, छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र दिसंबर 2024 द्वारा पारित विधेयक क्रमांक 11 तथा 12 वर्ष 2024 संविधान विरूद्ध होने के कारण उचित कार्यवाही करने की आवश्यकता है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने बताया कि, छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र दिसंबर 2024 में दिनांक 19 दिसंबर को निम्नलिखित दो विधेयक पारित किये गये हैं।

01. छत्तीसगढ नगर पालिका (संशोधन) विधेयक, 2024 (क्रमांक 11 सन् 2024)

02. छत्तीसगढ नगर पालिका (संशोधन) विधेयक, 2024 (क्रमांक 12 सन् 2024)

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि, उपरोक्त दोनो विधेयको पर विधानसभा द्वारा विचार प्रारंभ किये जाने के पूर्व ही विपक्ष के द्वारा दोनो विधेयको के संविधान के विरूद्ध होने के तथ्य की ओर ध्यान आकर्शित कराते हुए भारत के संविधान के अनुच्छेद 243-प (243-यु) के विरूद्ध होने का कथन किया गया था, और माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा राइट पेटीसन (सी) नं. 278 ऑफ 2022 डिसाइडेड ऑन मई 10, 2022 का उल्लेख करते हुए अनुरोध किया गया था कि दोनों विधेयकों के कतिपय प्रावधान संविधान के विरुद्ध होने के कारण इन पर प्रस्तुत रूप में विचार करने में सदन के समक्ष नहीं होने का भी कथन किया गया, परन्तु दोनों विधेयकों को पारित कर दिया गया।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने अपने पत्र में उपरोक्त दोनों विधेयकों की प्रतिलिपि माननीय उच्चत्तम न्यायलय के उपरोक्त आदेश की प्रतिलिपि तथा भारत के सविधान के अनुच्छेद 243-प (243-यु) की प्रति (अंग्रेजी तथा हिंदी में) सलंग्न की है। भारत का संविधान के अनुच्छेद 243-प (3) (क) में यह आदेशात्मक प्रावधान है कि नगरपालिका की पांच वर्ष की अवधि समाप्त होने के पूर्व नगरपालिका के गठन के लिए निर्वाचन किया जायेगा परन्तु उपरोक्त दोनों विधेयकों के पारित होने के पश्चात् अधिनियक बन जाने पर पांच वर्ष के अवधि के पूर्व नया निर्वाचन करने की बाध्यता समाप्त होकर 6 माह की अतिरिक्त अवधि अनुज्ञेय हो जाएगी। अतः यह संविधान के उक्त प्रावधान के प्रभाव को निष्प्रभावी करने वाला संशोधन होगा। जो पूरी तरह से असंवैधानिक है।

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