Today

अधिवक्ताओं के आरोपों के बाद जज का तबादला, कोर्ट ने जारी किया आदेश

Report by manisha yadav

मुंगेली. मुंगेली में कुटुम्ब न्यायालय के न्यायाधीश और अधिवक्ताओं के बीच विवाद का मामला अब शांत होता हुआ नजर आ रहा है. शुक्रवार से न्यायाधीश के स्थानांतरण की मांग करते हुए मुंगेली जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी और सदस्यों ने प्रस्ताव पारित किया था. जिला न्यायालय के सभी कार्यो का बहिष्कार का निर्णय लिया गया था, जिसमें राजस्व न्यायालय भी शामिल था. विधि और विधायी कार्य विभाग के सचिव शहाबुद्दीन कुरैशी ने शनिवार को एक विभागीय आदेश जारी किया. जारी आदेश मुताबिक मुंगेली के कुटुम्ब न्यायालय के जज कीर्ति लकड़ा का जगदलपुर स्थानांतरण कर दिया गया. साथ ही मुंगेली फैमिली कोर्ट की जिम्मेदारी न्यायाधीश राजीव कुमार को दी गई.

शिकायत में क्या था पढ़िए

जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजमन सिंह ने प्रेस विज्ञपति जारी कर कहा था कि मुंगेली जिला न्यायालय में जब से कुटुंब न्यायालय की स्थापना हुई है. तब से कुटुंब न्यायालय के पीठासीन महिला न्यायाधीश द्वारा अधिवक्ता संघ मुंगेली अधिवक्तागण के साथ व्यवहार अच्छा नहीं रहा, लेकिन संघ के सदस्य पक्षकारों के हित को ध्यान में रखते उक्त न्यायालय में कार्य करते रहे. लगभग 2 माह पूर्व जब कुटुंब न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश कीर्ति लकड़ा का व्यवहार अधिवक्ता संघ के सदस्यो के साथ असहय हो गया, तब अधिवक्ता संघ मुंगेली ने प्रस्ताव पास किया और करीब 1 माह तक कुटुंब न्यायालय का बहिष्कार करते रहे.

इसकी सूचना जिला न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के रजिस्टार जनरल और पोर्ट फोलिया जज छ०ग० उच्च न्यायालय (मुंगेली) को भी दी गई. उच्च न्यायालय के रजिस्टार जनरल ने जिला न्यायाधीश मुंगेली को निर्देशित किया था कि उभयपक्ष के मध्य बातचीत के माध्यम से सामंजस्य स्थापित कर समस्या का समाधान कराएं.

CG News : समझौते में क्या हुआ था

जिला न्यायाधीश मुंगेली ने अधिवक्ता संघ मुंगेली को समझाइश देकर समस्या का निदान करने और बहिष्कार वापस लेकर कोर्ट में पुन: कार्य में लौटने का निर्देश दिया. साथ ही यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी घटना नहीं होगी, जिसके उपरांत अधिवक्ता संघ के सदस्य नें अपने बहिष्कार वापस लेकर कुटुंब न्यायालय में पक्षकारों के हित में कार्य करना आरंभ कर दिया. इसके बाद भी कुटुंब न्यायालय के पीठसीन अधिकारी के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं हुआ और उनके द्वारा अपना व्यवहार पूर्ववत् जारी रखा गया फिर भी संघ के सदस्य पक्षकारों के हित में कार्य करते रहे.

ताजा विवाद क्या था

20 मार्च को कुटुंब न्यायालय में पैरवी के दौरान संघ के वरिष्ठतम सदस्य और उनके सहयोगी अधिवक्ता के साथ न्यायालय के पीठासीन अधिकारी ने अपमानजनक टिप्पणी की. उन्हे पक्षकारों की उपस्थिति में अपमानित किया गया, जिस कारण अधिवक्ता संघ मुंगेली के सदस्यो में अत्याधिक आक्रोश था. संघ के सदस्यों ने अधिवक्ता संघ में प्रस्ताव पास कर यह निर्णय लिया था कि 3 दिन के भीतर कुटुंब न्यायालय के पीठासीन अधिकारी(न्यायधीश कीर्ति लकड़ा )का स्थानांतरण किया जाए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *