Report by manisha yadav
नई दिल्ली. टाटा समूह की एयरलाइन एयर इंडिया में विस्तारा एयरलाइन के मर्जर के बाद भी पूर्ण-सेवा एयरलाइन को एयर इंडिया के नाम से ही जाना जाएगा। मतलब ये कि विस्तारा ब्रांड अब इतिहास हो जाएगा। इस बीच, सिंगापुर एयरलाइन ने एयर इंडिया में 267 मिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश योजना की पुष्टि की है। आपको बता दें कि नवंबर 2022 में सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा संस के बीच डील हुई थी। इस डील के तहत सिंगापुर एयरलाइन को एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी।
पिछले साल जनवरी में सरकार से एयर इंडिया का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के बाद से ही टाटा समूह इसके पुनर्गठन की कोशिशों में लगा है। इस क्रम में विस्तारा का विलय एयर इंडिया के साथ जबकि एयरएशिया इंडिया का विलय एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ किया जा रहा है।
क्या कहा एयर इंडिया के सीईओ ने: एयर इंडिया के प्रमुख कैंपबेल विल्सन ने कहा कि टाटा समूह, एयर इंडिया और विस्तारा दोनों की विरासत को आगे बढ़ाने का इच्छुक है और इस दिशा में कोशिश जारी है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय विमानन बाजार में विस्तारा की मजबूत पहचान है लेकिन भारत के बाहर एयर इंडिया को काफी जाना जाता है और इसका 90 साल का इतिहास है। भावी पूर्ण-सेवा एयरलाइन को एयर इंडिया के नाम से पुकारा जाएगा लेकिन विस्तारा की कुछ विरासत को कायम रखा जाएगा।’’ विल्सन ने कहा कि इस विलय के संदर्भ में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से मंजूरी लेने की प्रक्रिया चल रही है।
470 विमानों का दिया ऑर्डर: बता दें कि एयर इंडिया ने 14 फरवरी को 470 विमानों के लिए ऑर्डर देने की घोषणा की। इसमें से 70 बड़े आकार के विमान हैं। एयर इंडिया ने एयरबस और बोइंग को 470 विमानों का ऑर्डर दिया है। इसके साथ ही एयर लाइन के पास 370 और विमानों को खरीदने का विकल्प भी है।
इस बारे में विल्सन ने कहा कि 370 और विमानों को खरीदने के विकल्प के लिए कोई समयसीमा नहीं है। हम बाजार का आकलन करेंगे और उसके बाद ही इस बारे में कोई कदम उठाया जाएगा।