Report by manisha yadav
जलियांवाला बाग हत्याकांड का मुद्दा ब्रिटेन की संसद में उठा है। मांग की जा रही है कि 106 साल पुरानी इस घटना पर ब्रिटेन के भारतीयों से माफी मांगनी चाहिए। खास बात है कि यह मांग भी ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने रखी है। इतना ही नहीं उन्होंने इस घटना को ब्रिटेन के इतिहास का ‘काला धब्बा’ करार दिया है। हत्याकांड में ब्रिटिश सैनिकों ने निहत्थे भारतीयों पर गोलियां चला दी थीं।
ब्रिटेन के साथ ब्लैकमैन ने हाउस ऑफ कॉमन्स में जलियांवाला बाग की घटना को लेकर भाषण दिया था। उन्होंने कहा था, ’13 अप्रैल 1919 में कई परिवार शांतिपूर्ण तरीके से जुटे थे, ताकि अपने परिवार के साथ अच्छा दिन बिता सकें। ब्रिटिश सेना की ओर से जनरल डायर ने अपने सैनिकों को उन मासूम लोगों पर तब तक गोली चलाने के आदेश दिए, जब तक गोलियां खत्म न हो जाएं।’
उन्होंने कहा, ‘इस नरसंहार के अंत में 1500 लोग मारे गए थे और 1200 घायल हो गए थे। बाद में ब्रिटिश साम्राज्य पर लगे इस धब्बे के लिए जनरल डायर को अपमानित होना पड़ा।’ उन्होंने आगे कहा, ‘तो क्या हम सरकार की तरफ से बयान जारी कर सकते हैं यह मानते हुए कि क्या गलत हुआ और भारत के लोगों से औपचारिक रूप से माफी मांगें।’
साल 2019 में ब्रिटेन की तत्कालीन प्रधानमंत्री थेरेसा मे हत्याकांड पर दुख जता चुकी हैं। उन्होंने इसे ‘ब्रिटेन के इतिहास पर शर्मनाक जख्म’ करार दिया था। हालांकि, उन्होंने तब भी औपचारिक माफी नहीं मांगी थी।
क्या था जलियांवाला बाग हत्याकांड
13 अप्रैल 1919 में पंजाब के अमृतसर में जनरल रेजिनल्ड डायर की अगुवाई में ब्रिटिश सैनिकों ने बाग में मौजूद लोगों पर गोलियां बरसाईं थीं। उस दौरान भारतीय बैसाखी मनाने और रोलैट एक्ट का विरोध करने के लिए एकजुट हुए थे। तब जनरल डायर ने बगैर कोई चेतावनी दिए सैनिकों को गोली चलाने के आदेश दे दिए थे।