Report by manisha yadav
अबुजा: नाइजीरिया के दक्षिणी क्षेत्र में उन्मादी भीड़ ने 16 लोगों को किडनैपर समझकर बेरहमी से मार डाला। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि कुछ पीड़ितों के सिर और कंधों पर टायर रखकर आग लगा दी गई, जिससे उनकी दर्दनाक मौत हो गई। ये सभी लोग देश के उत्तरी भाग से थे और एडो राज्य के उरोमी इलाके में स्थानीय सुरक्षा बलों द्वारा रोके गए थे।
पुलिस प्रवक्ता मूसा यामू के अनुसार, जब उनकी गाड़ी की तलाशी ली गई, तो उसमें स्थानीय रूप से बने हथियार पाए गए, जिसके बाद भीड़ ने उन पर हमला कर दिया।
सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में पीड़ितों के साथ क्रूरता की हदें पार करते हुए देखा गया, जहां उन्हें बेरहमी से पीटा गया और फिर जलते हुए टायरों में फेंक दिया गया। गौरतलब है कि पिछले दस वर्षों में नाइजीरिया में भीड़ की हिंसा के मामलों में तेजी आई है। एमनेस्टी इंटरनेशनल की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, देश के दक्षिणी हिस्से में ऐसी घटनाएं आमतौर पर चोरी और जादू-टोने के आरोपों से जुड़ी होती हैं, जबकि उत्तर में कथित ईशनिंदा के मामलों को लेकर लिंचिंग की जाती है। लागोस स्थित रिसर्च ग्रुप SBM इंटेलिजेंस की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 के बाद से अफ्रीका के सबसे अधिक जनसंख्या वाले इस देश में कम से कम 391 हत्याएं भीड़ द्वारा की जा चुकी हैं।
यामू ने जानकारी दी कि गुरुवार को हुए हमले में पीड़ितों के समूह से 10 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि 2 घायल व्यक्तियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, इस हमले से जुड़े 14 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
एडो राज्य के गवर्नर मंडे ओकेपेभोलो ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद कहा कि अपराधियों को उनके किए की सजा मिलेगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। गवर्नर के प्रतिनिधि सोलोमन ओसागले ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि किसी को भी दूसरे व्यक्ति की जान लेने का हक नहीं है।
हमले के बाद सोशल मीडिया पर जनता का गुस्सा साफ देखा जा सकता है। देश के उत्तरी क्षेत्र के राजनेताओं ने इन हत्याओं की कड़ी निंदा की है। गौरतलब है कि नाइजीरिया में इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। 2012 में, रिवर स्टेट की राजधानी पोर्ट हरकोर्ट, जो नाइजीरिया के प्रमुख तेल उत्पादक क्षेत्रों में से एक है, वहां की यूनिवर्सिटी के चार छात्रों को लूटपाट का संदेह होने पर भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। उस समय भी देशभर में भारी आक्रोश फैल गया था और न्याय व्यवस्था को लेकर तीखी बहस छिड़ गई थी। कई लोगों का मानना है कि उस घटना के पीड़ितों को अब तक न्याय नहीं मिल पाया।