Report by manisha yadav
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सबसे बड़ी अक्षय पात्र रसोई का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन की व्यवस्था पुण्य का कार्य है। ऐसे कार्यों में समाज और सरकार मिल कर कार्य करते हैं तो ज्यादा संख्या में जरूरतमंदों तक सेवाएं पहुंचती हैं। अक्षय पात्र फाउंडेशन और एचईजी लिमिटेड के प्रयास सराहनीय हैं।
सीएम शिवराज बुधवार को प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना में अक्षय पात्र फाउंडेशन बैंगलुरू द्वारा स्कूली विद्यार्थियों को मध्यान्ह भोजन पहुंचाने के लिए मध्यप्रदेश में प्रारंभ हुए प्रथम मेगा किचन के उद्घाटन कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि “परहित सरस धर्म नहीं भाई, परपीड़ा सम नहीं अधमाई”। परोपकार से बड़ा कोई पुण्य नहीं है। अन्य लोगों की पीड़ा को अनुभव कर उसे कम करने का प्रयास करना ही मनुष्य धर्म है। बच्चों को शुद्ध, ताजा और गरम भोजन मिल जाए तो उससे उन्हें पोषण भी मिलता है, जो शरीर को स्वस्थ बनाता है। शरीर स्वस्थ है तो मन भी स्वस्थ रहता है। सीएम ने कहा कि बच्चों को भोजन और पौष्टिक सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए अन्य संस्थाएं भी आगे आएंगी तो उनका भी स्वागत है। हम संयुक्त प्रयासों से बच्चों को बेहतर पोषण दे सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से जहां पीएम पोषण शक्ति निर्माण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। वहीं मध्यप्रदेश सरकार कक्षा 8वीं तक अध्यनरत बेटे-बेटियों के लिए स्कूल प्रांगण में ही मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था कर रही है। फाउंडेशन समर्पित भाव से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन पहुंचाने का कार्य कर रहा है। भोपाल में इसकी शुरुआत सराहनीय है। स्वामी चंचलापति की टीम जो कार्य कर रही वह ईश्वर की आराधना से कम नहीं है, क्योंकि बच्चे ही भगवान का रूप होते हैं।
मध्यप्रदेश शासन द्वारा एचईजी (HEG Limited) से किए गए अनुबंध में शासन द्वारा खाद्यान्न सामग्री दी जाएगी। साथ ही भोजन पकाने की लागत भी सरकार वहन करेगी। उन्होंने एचईजी लिमिटेड द्वारा पर्यावरण, कृषक विकास और सामाजिक क्षेत्र में संचालित प्रकल्पों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे भी प्रतिदिन पौध-रोपण करते हैं। इस कार्य में संस्थाएं और व्यक्ति सहभागी बन रहे हैं।
भोपाल और रायसेन जिले के बच्चे होंगे मेगा किचन से लाभान्वित
देश के 16 राज्यों में संचालित अक्षय पात्र रसोई की शुरुआत मध्यप्रदेश में होने से भोपाल और रायसेन जिले के मण्डीदीप के करीब 900 विद्यालयों में पढ़ने वाले लगभग 50 हजार बच्चों को पौष्टिक भोजन का लाभ मिलेगा। मध्यप्रदेश शासन के साथ किए गए अनुबंध के फलस्वरूप शासकीय विद्यालयों के बच्चे लाभान्वित होंगे। भोपाल में किचन शेड का निर्माण 12 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। प्रतिवर्ष साढ़े सात करोड़ रुपये की राशि भोजन पर व्यय की जाएगी।
यह देश में अक्षय पात्र की 66वीं रसोई है। करीब 150 कर्मचारी मेगा किचन में कार्य करेंगे। लगभग 3 दर्जन वाहन भोपाल और मण्डीदीप के स्कूलों में इंसुलेटेड कंटेनर्स की मदद से भोजन पहुंचाने का कार्य करेंगे। विभिन्न उपकरणों द्वारा भोजन तैयार करने का कार्य कम समय में और अधिक मात्रा में किया जाएगा। वर्ष 2000 से देश में अक्षय पात्र फाउंडेशन यह कार्य कर रहा है। राज्यों में 20 लाख से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।
मेगा किचन के उद्घाटन में स्वामी चंचलापति भीलवाड़ा ग्रुप के संस्थापक लक्ष्मी निवास झुनझुनवाला, एचईजी लिमिटेड के चीफ एमडी रवि झुनझुनवाला, मनीष गुलाटी, भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष राम कुंवर गुर्जर, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मलय श्रीवास्तव उपस्थित रहे।