Report by manisha yadav
बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बीते कई महीनों से सुर्खियों में हैं। बाबा बागेश्वर के कथित चमत्कारों की चर्चा देश ही नहीं बल्कि पूरे दुनिया में हो रही है। धीरेंद्र शास्त्री अपने विवादित बयानों के चलते भी अक्सर खबरों में बने रहते हैं। बाबा के दरबार में कई भक्त चमत्कार की उम्मीद में जाते हैं। ऐसे ही एक 10 साल की बच्ची को उसके परिवार के लोग बाबा के धाम में ले गए। चमत्कार की उम्मीद में आई बच्ची की बागेश्वर धाम में मौत हो गई। बच्ची को मिर्गी के दौरे पड़ते थे।
बागेश्वर धाम में 10 साल की विष्णु कुमारी अपनी मां धम्मू देवी और मामी गुड्डी के साथ गई थी। विष्णु राजस्थान के बाड़मेर की रहने वाली थी। वो 17 फरवरी को बागेश्वर धाम गई थी। बच्ची के परिजनों ने बताया कि उसे मिर्गी के दौरे पड़ते थे। विष्णु के परिजनों ने धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कार के बारे में सुना तो उनके धाम चले आए। धाम में आने के बाद मासूम की मौत हो गई।
धीरेंद्र शास्त्री ने दी भभूति
मृतका की मामी गुड्डी ने बताया कि वो डेढ साल से धाम में आ रही हैं। बच्ची को मिर्गी की परेशानी थी। 17 फरवरी को वो लोग बच्ची को लेकर बागेश्वर धाम पहुंचे। बच्ची को धीरेंद्र शास्त्री ने भभूति दिया। मृतका की मामी ने बताया कि भभूति देने के बाद धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ‘यह शांत हो गई है, ले जाओ इसे।’
लगातार आते रहे मिर्गी के दौरे
मृतका के परिजनों ने बताया कि धाम में आने के बाद बच्ची को मिर्गी के दौरे आते रहे। बच्ची रात भर जगी रही। अगली दोपहर जब बच्ची ने आंखें बंद की तो परिजनों ने सोचा कि वो सो गई है। बच्ची के शरीर में हलचल नहीं होने पर परिजनों को संदेह हुआ। आनन-फानन में बच्ची को जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां 10 साल की विष्णु को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद मध्य प्रदेश से बच्ची को राजस्थान ले जाया गया। मिली जानकारी के मुताबिक, बच्ची के शव को ले जाने के लिए परिजनों को प्राइवेट एंबुलेंस बुक करना पड़ा।
चमत्कार की आस में बागेश्वर धाम गए परिजनों को 10 साल की बच्ची के शव को वापस राजस्थान ले जाने के लिए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। शव ले जाने के लिए उन्हें सरकारी एंबुलेंस नहीं मिली। परिजनों ने इसके बाद एक प्राइवेट एंबुलेंस बुक किया। इसके लिए उन्होंने 11,500 रुपए दिए। बच्ची के शव को हॉस्पिटल से एंबुलेंस तक पहुंचाने के लिए स्ट्रेचर भी नहीं मिला। मृतका की मामी ने गोद में उठाकर बच्ची के शव को एंबुलेंस में रखा।