Report by manisha yadav
म्यांमार में पिछले सप्ताह आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या 2,700 से अधिक हो गई है जबकि हजारों लोग घायल हैं। देश की मीडिया में मंगलवार को जारी खबरों में यह जानकारी दी गई। वेस्टर्न न्यूज वेबसाइट पर जारी खबर के अनुसार, म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख और सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने राजधानी नेपीता में बयान दिया। उन्होंने कहा कि भूकंप के कारण अब तक 2,719 लोगों की मौत हो गई है जबकि 4,521 व्यक्ति घायल हैं और 441 लापता हैं। भूकंप से प्रभावित कई क्षेत्रों में अब भी बचाव दल नहीं पहुंच पाए हैं। इसलिए मृतक संख्या बढ़ने की आशंका है।
भूकंप से प्रभावित कई इलाकों में अभी भी बचाव दल नहीं पहुंच पाए हैं। ऐसे में मृतकों की संख्या अभी और ज्यादा बढ़ने का अनुमान है। गुजरते दिन के साथ मलबे में जीवित बचे लोगों के मिलने की उम्मीद कम होती जा रही है। भूकंप के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मंगलवार को 1 मिनट का मौन रखा गया। म्यांमार में आज स्थानीय समयानुसार 12 बजकर 51 मिनट पर पूरे देश में मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए सायरन बजने लगे। जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने भूकंप से हुई क्षति और जानमाल के नुकसान के प्रति सहानुभूति जताते हुए 31 मार्च से 6 अप्रैल तक राष्ट्रीय शोक घोषित किया था। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
भारत ने मदद के लिए शुरू किया ऑपरेशन ब्रह्मा
भारत ने म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के पीड़ितों की मदद के लिए सोमवार को 50 टन राहत सामग्री की नई खेप भेजी। राहत सामग्री को भारतीय नौसेना के 2 जहाजों – आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री ने म्यांमार के यांगून शहर पहुंचाया। अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नौसेना के तीन और जहाज (आईएनएस करमुख, आईएनएस घड़ियाल और एलसीयू-52 यांगून) के लिए 500 टन से अधिक अतिरिक्त सहायता सामग्री लेकर रवाना हो गए हैं। भारत ने शुक्रवार को म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप से हुई तबाही की त्वरित प्रतिक्रिया के रूप में ऑपरेशन ब्रह्मा नाम से राहत मिशन शुरू किया था। शनिवार को भारत ने भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए 5 सैन्य विमानों से राहत सामग्री, बचाव दल और चिकित्सा उपकरण म्यांमार भेजे थे। भारतीय वायुसेना का एक और सी-130 विमान के मंगलवार को 15 टन से अधिक राहत सामग्री लेकर मांडले में उतरने की उम्मीद है।