नेपाल से आए हाथियों ने एक बार फिर उत्पात मचाया है। इस बार माला रेंज के अंतर्गत गांव सिरसा के बाद मरौरी पहुंचे हाथियों ने मचान को गिरा दिया। इससे फसल की रखवाली करने जाने वाले अन्य ग्रामीणों में दहशत फैल गई। इसकी जानकारी जब सुबह वनाधिकारियों को दी गई तो टीम मौके पर पहुंची और तथ्य जुटाए। क्षतिग्रस्त मचान और फसल के आसपास हाथियों के पगचिन्ह मिले हैं। वनकर्मियों ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। आने जाने वाले क्षेत्रीय लोगों को अलर्ट किया गया है।
एक दिन पूर्व रात में सामाजिक वानिकी क्षेत्र के अंतर्गत सिरसा सरदाह में हाथियों ने लोहे के तार को तोड़ कर फेंक दिया था। साथ ही गेहूं करीब दो में खराब कर दिया था। साथ ही हाथियों की आमद की वजह से गोयल, बंगाली और महुआ क्षेत्र में ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गई थी। इसके बाद से ही निगरानी कराई जा रही थी। इसी बीच दो हाथियों का दल अचानक माला रेंज के अंतर्गत ही मरौरी की तरफ पहुंच गया। यहां फसल रखवाली को बनाया गया मचान क्षतिग्रस्त कर दिया।
इससे यहां फसल रखवाली को लेकर अब परेशानी हैं। बता दें कि पूर्व में ही हाथियों की दस्तक की वजह से रात में फसलों की रखवाली करन से क्षेत्रीय लोग तौबा कर रहे है। दूसरी तरफ वनाधिकारी लगातार निगरानी का दावा करते हैं। पर अचानक जब हाथियों का दल सिरसा से मरौरी की तरफ कूच किया तो किसी को इसकी हवा तक न लगी।
हवा में लटकी थी चारपाई
रात में रखवाली करने को बनाई गई मचान की हालत सुबह देख कर ग्रामीणों के रौंगटे खड़े हो गए। दरअसल मचान तो क्षतिग्रस्त था ही साथ ही हवा में लटकी चारपाई बताने के लिए काफी थी कि अगर मचान पर कोई होता तो क्या हश्र होता। हवा में लटकी चारपाई की तस्वीर को देख वन कर्मियों ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी है।
क्या बोले डिप्टी रेंजर
सामाजिक वानिकी डिप्टी रेंजर शेर सिंह ने बताया, गेहूं समेत गन्ने के बोए हुए खेत में हाथी गए थे। कुछ नुकसान किया था। पूर्व में हाथियों को जंगल की तरफ खदेड़ा था पर वे फिर वापस आ गए। इन पर लगातार निगरानी कराई जा रही है।
