रायपुर, राजधानी के साईंस कॉलेज मैदान में चल रहे युवा महोत्सव में आज बिलासपुर जिले के युवाओं द्वारा प्रस्तुत पंडवानी का लोगों ने भरपूर आनंद लिया। पंडवानी में ओजपूर्ण ढंग से छत्तीसगढ़ी भाषा में महाभारत के कथानक की प्रस्तुति दी जाती है।
पंड़वानी का अर्थ पांडव कथा या महाभारत की कथा है। पंडवानी मूलतः एकल नाट्य है। इसमें कलाकार अपनी भाव-भंगिमा और ओजपूर्ण प्रस्तुति से महाभारत के कथानक को जीवंत कर देते हैं। महाभारत का नायक अर्जुन है तो पण्डवानी का नायक है भीम। छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में पंडवानी का गायन होता है। महाभारत की प्रस्तुति की पंडवानी शैली अत्यंत लोकप्रिय है।
पंडवानी की प्रस्तुति को देश-विदेश में सराहा गया है। पंडवानी गायन के लिए प्रसिद्ध कलाकारों में श्रीमती तीजन बाई का नाम सुप्रसिद्ध है। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अनेक आयोजनों में उन्होंने अपनी प्रस्तुति दी है। उन्हें पद्मश्री और पद्भूषण से भी अलंकृत किया गया है। हाल में ही पंडवानी गायन के लिए प्रसिद्ध कलाकार श्रीमती ऊषा बारले को पद्मश्री देने की घोषणा की गई है।
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