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पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्यपाल डेका की अपील: वर्षा जल संचयन और प्रदूषण नियंत्रण पर जोर

Report by manisha yadav

रायपुर। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने बलौदाबाजार -भाटापारा जिले के प्रवास के दौरान संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने जिले में चलाए जा रहे जल संचयन के कार्य, पौध रोपण, पर्यावरण संवर्धन तथा जैविक खेती को प्रोत्साहन देने हेतु किए जा रहे कार्य, स्वच्छ भारत मिशन सहित पुलिस, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, यातायात, स्वास्थ्य, शिक्षा, आदिम जाति कल्याण, नगरीय प्रशासन, सहकारिता आदि विभागों के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में राज्यपाल श्री डेका ने वर्षा जल संचय और जल एवं वायु प्रदूषण को गंभीरता से लेते हुए वर्षा जल संचय के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग एवं प्रदुषण नियंत्रण पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की बात कही।
राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि भावी पीढ़ी के लिए जल और स्वच्छ पर्यावरण अत्यंत आवश्यक है। जल के अत्यधिक दोहन से जल संकट की स्थिति निर्मित होते जा रही है उसी प्रकार पर्यावरण भी प्रदूषित होते जा रहा है। उन्होंने कहा कि बलौदाबाजार-भाटापारा जिला औद्योगिक जिला है यहां बड़े कारखाने के साथ पत्थर खदाने भी हैं, जिससे यहां वर्षा जल $को सहेजना और भी ज्यादा जरुरी है। उन्होंने जंगलो की कटाई व नदी-नालों की सफाई पर जोर देते हुए कहा कि प्रति वर्ष वृक्षारोपण बड़े पैमाने पर होता है इन पौधों $को लगाने से ज्यादा जरुरी इनकी देखभाल करना हैं। उन्होंने कहा कि यदि जंगल से पेड की कटाई न हो तो जंगल बचाए जा सकते हैं उसी प्रकार नदी-नालों को साफ रखेंगे तों पानी का बहाव नियमित रूप से होता रहेगा। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर मॉनिटरिंग के साथ ही जन जागरूकता अभियान भी निरंतर चलाया जाना चाहिए। जल स्तर बढ़ाने के लिए विभिन्न संरचनाओ का अधिक से अधिक निर्माण हो।
राज्यपाल श्री डेका ने स्व-सहायता समूहों के कौशल विकास एवं महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए आवश्यक प्रशिक्षण एवं आजीविका के साधन उपलब्ध कराकर महिलाओं $को सक्षम बनाने कहा। उन्होंने यहाँ के उद्योगों मे स्थानीय युवाओं $को रोजगार उपलब्ध कराने आवश्यक पहल करने संबंधित को निर्देश दिए। विशेष पिछडी जनजातियों के विकास के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत सभी मूलभूत सुविधाएं सहित स्वच्छता के लिए जागरूकता अभियान सतत रूप से चलाने के निर्देश दिये। उन्होंने स्कूलों और कॉलेजो में अधिक से अधिक छात्रों $को एनसीसी के लिए प्रोत्साहित करने कहा ताकि छात्रों में अनुशासन, देशभक्ति की भावना, बौद्धिक विकास, समयबद्धता सहित शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर हो सके। स्कूलों में ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या मे कमी लाने, छात्रों के लिए कैरियर काउंसलिंग की व्यवस्था पर भी जोर दिया।

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