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केजरीवाल सरकार का दावा फेल: 20 हजार क्लासरूम बनाने का था दावा, लेकिन सिर्फ 7 हजार ही निकले

Report by manisha yadav

 नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के दौरान स्कूलों में हुए कामकाज को लेकर विधानसभा में आंकड़ों के साथ बड़ा प्रहार किया। बजट पर चर्चा के दौरान आशीष सूद ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार के दौरान दिल्ली में 20 हजार क्लासरूम बनाने के दावे किए गए, लेकिन असल में ये 7 हजार ही निकले। उन्होंने कहा कि टॉयलेट, स्टोर रूम आदि को भी क्लास के रूप में गिन लिए गए थे।

मंत्री ने कहा कि ‘शिक्षा क्रांति’ और ‘सपनों का स्कूल’ बनाने वालों ने टॉयलेट और स्टोररूम की भी गिनती क्लासरूम में ही की है। मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पीडब्ल्यूडी के इस चलन को बंद कर देगी कि कॉरिडोर, बाथरूम, स्टोररूम सबको कमरों के रूम में गिन दो। 20,000 कमरे जो आप दिखाते हैं समकक्ष कमरों के रूप में, शिक्षा क्रांति के रूप में, उसमें से केवल 7 हजार क्लासरूम हैं। सूद ने कहा, ‘एक दिन तुम्हारे कर्म तुमसे मिलने आएंगे, बस तुम उस दिन हैरान मत होना।’

आशीष सूद ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार के दौरान काम से ज्यादा प्रचार पर खर्च किया गया। उन्होंने कहा, ‘हैप्पीनेस करिकुलम पर 4 करोड़ रुपये खर्च किए और उसके प्रचार पर 20 करोड़ 87 लाख रुपये खर्च किए। देश भक्ति करिकुलम पर 49 लाख रुपये खर्च किए और उसके प्रचार पर खर्च 11 करोड़ 49 लाख रुपये।’

मंत्री ने कहा कि जो लोग हर बार मणिपुर की बात करते हैं, वो लोग दिल्ली में शिक्षा पर केवल 1.5% खर्च कर रहे थे। दिल्ली से ज्यादा मणिपुर शिक्षा पर खर्च करती है। गरीबों के मसीहा बनने वाली आप सरकार शिक्षा के नाम पर लगातार भ्रष्टाचार करती आई है।

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