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निसार सैटेलाइट: नासा-इसरो की संयुक्त परियोजना क्या है और कैसे करेगी काम

Report by manisha yadav

वॉशिंगटन. नासा और इसरो बहुत जल्द एक खास सैटेलाइट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में भेजेंगे। इस सैटेलाइट को नाम दिया गया है निसार। व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने इस बारे में ऐलान किया। अमेरिका दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री ने कहाकि अंतरिक्ष के क्षेत्र में अमेरिका के साथ हमारा बहुत करीबी सहयोग रहा है। मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहाकि इसी कड़ी में इसरो और नासा के सहयोग से निसार नाम की सैटेलाइट तैयार की जाएगी। इसे बहुत जल्द ही भारतीय लांचिंग व्हीकल द्वारा अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।

क्या है निसार
नासा के मतुाबिक निसार नासा और इसरो का एक ज्वॉइंट मिशन है। यह मिशन धरती की सतह में बदलावों को अभूतपूर्व सटीकता के साथ ट्रैक करेगा। उपग्रह निसार दुनिया का पहला डुअल-फ्रीक्वेंसी रडार इमेजिंग उपग्रह है, जिसमें नासा का एल-बैंड (1.25 GHz) और इसरो का एस-बैंड (3.2 GHz) रडार दोनों शामिल हैं। यह तकनीक इसे भूकंप, वनों की कटाई, ग्लेशियर की गति, और यहां तक कि प्राकृतिक आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को हुए नुकसान की निगरानी करने की अनुमति देती है।

इसलिए है महत्वपूर्ण
2.8 टन का उपग्रह हर 12 दिन में धरती की लगभग सभी जमीनी और बर्फ की सतहों की हाई-रिजॉल्यूशन तस्वीरें उपलब्ध कराएगा। यह सभी मौसम में काम करेगा। इससे यह जलवायु परिवर्तन की निगरानी, प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी और भूवैज्ञानिक गतिविधियों के कारण जमीनों के नुकसान का अध्ययन करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बन जाएगा।

इससे पहले इसरो के चेयरमैन वी नारायणन ने निसार मिशन पर जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि यह मिशन बहुत जल्द ही लांच किया जा सकता है। नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर राडार (निसार) पहले 2024 में ही लांच होने वाला था। लेकिन नासा के वैज्ञानिकों ने पाया कि इसके 12 मीटर के रेफलेक्टर एंटेना में कुछ सुधार की जरूरत है। इसके बाद एंटेना को अमेरिका ले जाया गया। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पिछले साल भारतीय संसद में इस बात की जानकारी दी थी।

गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। दोनों देशों ने इस साल एक बड़े व्यापार समझौते पर सहमति जताई है। इससे दोनों देशों के बीच 2030 तक 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सालाना कारोबार होगा। पीएम मोदी और ट्रंप के बीच टैरिफ से लेकर तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत हुई है।

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