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अदानी मामले में जेपीसी की जांच की मांग से पीछे नहीं हटेंगे: विपक्ष

Report by manisha yadav

नयी दिल्ली. कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा है कि अदानी घोटाले के तार सत्ता पक्ष से जुड़े हैं और इसकी जांच से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की असलियत सबके सामने आएगी, इसलिए सरकार डर रही है तथा इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच नहीं करा रही है लेकिन विपक्षी दल जेपीसी के गठन की अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे।
संसद के दोनों सदनों के भारी हंगामे के कारण दो बजे तक स्थगित होने के बाद विपक्षी दलों के सदस्यों ने सोमवार को यहां संसद भवन के नजदीक विजय चौक पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जेपीसी से कम कुछ भी स्वीकार नहीं है। इस मांग पर भाजपा सरकार की चुप्पी साबित करती है कि वह इस महाघोटाले में शामिल है।
कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि संसद में 13 मार्च से ड्रामा चल रहा है और यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सह के बिना संभव नहीं है। उनका कहना था कि विपक्ष सिर्फ अदानी मामले की जेपीसी जांच की मांग कर रहा है। सरकार ने इस समूह को उठाने के लिए रेल, बंदरगाह, एयरपोर्ट सब उसके हवाले कर दिए। जेपीसी पहली बार नहीं बनेगी। ऐसे मामलों की जांच पहली भी जेपीसी करती रही है और सारे विपक्षी दल जेपीसी की मांग कर रहे हैं लेकिन इसके गठन से इनकार किया जा रहा है क्योंकि इसमें भाजपा की कलई खुल जाएगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पूंजीपतियों की तिजोरी इस घोटाले से भरी है इसलिए जेपीसी की मांग नहीं मान रही है और मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के घर रविवार को पुलिस भेजने की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि यह विपक्ष को डराने की कोशिश है। अन्य विरोधी दलों के नेताओं के खिलाफ भी ईडी और सीबीआई की कार्रवाई की जा रही है, जिसकी वह निंदा करते है। उनका कहना था कि सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है लेकिन कांग्रेस अपनी मांग से पीछे नहीं हटेगी।
समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने कहा कि केंद्र सरकार और अदानी समूह के बीच सांठगांठ है। सरकार जानती है कि यदि जेपीसी की जांच हुई तो असली दोषी जनता के सामने आ जाएगा, इसलिए यह जांच नहीं हो रही है। उनका कहना था कि जनता इस मामले में सरकार की चुप्पी से गुस्से में है, क्योंकि उसका पैसा डूबा है। यह पहली बार हो रहा है कि इतना बड़ा घोटाला हुआ है और सरकार इस बारे में चुप्पी साधे हुए है।