Report by manisha yadav
रायपुर रेंज पुलिस ने ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत म्यूल बैंक अकाउंट धारकों और ठगों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है। इस ऑपरेशन में पुलिस ने 101 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि इससे पहले 98 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी थी। यह ऑपरेशन पिछले 30 घंटे तक चला और रायपुर पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी रेड मानी जा रही है, जिसमें 100 से अधिक स्थानों पर एक साथ छापे मारे गए।

इस विशेष कार्रवाई के तहत लगभग 200 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे। गिरफ्तारी के बाद आरोपियों के खातों में करीब 1.06 करोड़ रुपये की ठगी की राशि को होल्ड कर दिया गया है, जो विभिन्न राज्यों के पीड़ितों से धोखाधड़ी के रूप में प्राप्त की गई थी। इस कार्रवाई से पुलिस ने अब तक 930 साइबर क्राइम रिपोर्ट्स की जांच की है, जिनमें 1.57 करोड़ रुपये की ठगी की पुष्टि हुई है।

रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री अमरेश मिश्रा के निर्देश पर साइबर क्राइम पोर्टल पर 1100 से अधिक म्यूल बैंक अकाउंट्स की जांच की गई थी। इसके बाद पुलिस ने इन खातों से जुड़े अपराधियों की पहचान की और विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज की। इसके अलावा, सिविल लाइन, टिकरापारा, गंज, कोतवाली, आजाद चौक जैसे थानों में ठगी के मामले दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गई थी।
पुलिस ने डिजिटल तकनीकी साक्ष्य, बैंक खातों में हुए ट्रांजैक्शन्स और अपराधियों के नेटवर्क की पहचान के आधार पर इस अभियान को अंजाम दिया। जांच में पाया गया कि म्यूल बैंक अकाउंट्स का उपयोग गलत तरीके से ठगी के लिए किया जा रहा था। इन खातों का संचालन करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया गया, और उनसे पूछताछ की जा रही है ताकि इस अपराध के पीछे के अन्य आरोपियों को भी पकड़ा जा सके।
गिरफ्तार आरोपियों का उपयोग असामान्य ट्रांजैक्शन्स और बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के लिए किया जा रहा था। इनके खिलाफ साइबर क्राइम, बैंक धोखाधड़ी और अन्य गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने इस मामले में व्यापक अनुसंधान शुरू किया है और कहा है कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस के मुताबिक, म्यूल बैंक अकाउंट धारक और उनसे जुड़े ठग कई तरह की धोखाधड़ी करते थे, जिनमें क्रिप्टो करेंसी निवेश, फर्जी ऐप्स के जरिए शेयर ट्रेडिंग, गूगल रिव्यू टास्क, और टेलीग्राम के माध्यम से ठगी शामिल थी। पुलिस का कहना है कि इस नेटवर्क के अधिक से अधिक सदस्य गिरफ्तार किए जाएंगे और पीड़ितों से ठगी गई राशि वापस कराई जाएगी।
इन थाना क्षेत्रों से आये मामले…
*केश 1* थाना आजाद चौक अपराध क्रमांक 78/25 धारा 317(2), 317(4), 317(5), 111 BNS में इंडियन ओवरसीज बैंक के 21 म्यूल बैंक अकाउंट के विरुद्ध प्रथम सूचना पत्र दर्ज किया गया है।
*केश 2* थाना गंज अपराध क्रमांक 79/25 धारा 317(2), 317(4), 317(5), 111 BNS में कर्नाटका बैंक के 41 म्यूल बैंक अकाउंट के विरुद्ध प्रथम सूचना पत्र दर्ज किया गया है।
*केश 3* थाना टिकरापारा अपराध क्रमांक 229/25 धारा 317(2), 317(4), 317(5), 111 BNS में रत्नाकर बैंक के 54 म्यूल बैंक अकाउंट के विरुद्ध प्रथम सूचना पत्र दर्ज किया गया है।
*केश 4* थाना कोतवाली अपराध क्रमांक 45/25 धारा 317(2), 317(4), 317(5), 111 BNS में कोटक महिंद्रा बैंक के 41 म्यूल बैंक अकाउंट के विरुद्ध प्रथम सूचना पत्र दर्ज किया गया है।
*केश 5* थाना सिविल लाइन अपराध क्रमांक 129/25 धारा 317(2), 317(4), 317(5), 111 BNS में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 128 म्यूल बैंक अकाउंट के विरुद्ध प्रथम सूचना पत्र दर्ज किया गया है।
*आखिर क्या होता है म्यूल अकाउंट..?*
म्यूल अकाउंट ऐसे बैंक अकाउंट होते हैं जिनका इस्तेमाल जालसाज अपराध से मिले पैसे को ठिकाने लगाने के लिए करते हैं। आजकल, बड़ी संख्या में नकद रखने या इस्तेमाल करने के लिए बहुत सख्त कानून हैं। इसलिए, अगर वे अपने खुद के अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं, तो KYC नियमों की वजह से उन्हें पकड़ना आसान होता है। वे तुरंत पकड़े जा सकते हैं। इस समस्या से बचने के लिए अपराधी किसी तीसरे व्यक्ति के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल कर अवैध पैसे का हिसाब लगाते हैं। जिसमे खाता धारक तीसरे व्यक्ति को पता भी न हो कि वे अपराधियों के लिए काम कर रहे हैं। इनके खाते का इस्तेमाल Money Mule की तरह होता है।