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हाफिज सईद के राइट हैंड को पाकिस्तानी सेना भी नहीं बचा सकी, अबू कताल ऐसे मिनटों में हो गया ढेर

भारत के एक और दुश्मन की पाकिस्तान में हत्या कर दी गई है। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अबू कताल की हत्या की खबर सामने आई है। कताल 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का करीबी सहयोगी और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में खुरेता लॉन्चपैड का कमांडर था। अबू कताल का असली नाम जिया-उर-रहमान था। 2023 के राजौरी हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा वह 9 जून को शिव खोरी मंदिर से लौट रहे तीर्थयात्रियों से भरी बस पर हमले में भी शामिल था, जिसमें 10 लोग मारे गए थे।

अबू कताल को फरवरी 2024 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा चार्जशीट किया गया था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, अबू कताल की हत्या अज्ञात हमलावरों द्वारा की गई। वह पाकिस्तानी सेना की कड़ी सुरक्षा में था। उसकी सुरक्षा में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी भी शामिल थे।

सूत्रों के अनुसार, अबू कताल शाम 7 बजे के आसपास अपने सुरक्षा गार्ड के साथ जलम इलाके से गुजर रहा था। इसी दौरान अज्ञात हमलावरों ने उस पर गोलियां चलाईं। हमलावरों ने 15 से 20 राउंड फायर किए, जिससे अबू कताल और उनके एक सुरक्षा गार्ड की मौके पर ही मौत हो गई। एक अन्य सुरक्षा गार्ड गंभीर रूप से घायल हो गया।

अबु कताल और हाफिज सईद के बीच पारिवारिक रिश्ता भी था। कताल हाफिज सईद का भतीजा था। अबु कताल 2023 के राजौरी आतंकवादी हमले में भी शामिल था, जहां आतंकवादियों ने 1 जनवरी को ढांगरी गांव में नागरिकों को निशाना बनाया और अगले दिन आईईडी विस्फोट किया था। इन हमलों में दो बच्चों समेत सात लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।

हाफिज सईद ने ही अबू कताल को लश्कर-ए-तैयबा का चीफ ऑपरेशनल कमांडर नियुक्त किया था। हाफिज सईद के आदेश पर वह जम्मू-कश्मीर में बड़े हमलों को अंजाम देता था। वह रावलपिंडी में रहने वाला साजिद जट्ट को सीधे रिपोर्ट करता था। भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने साल 2023 के राजौरी हमले में शामिल होने की चार्जशीट में अबू कताल का भी नाम शामिल किया था।

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