भोपाल। मध्यप्रदेश में क्या अब हर महीने बिजली के दाम बढ़ेंगे? यह सवाल इसलिए उठ रही है। क्योंकि प्रदेश की बिजली कंपनियों ने फ्री हैंड अधिकार के लिए प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को दिया है। जिसके चलते बिजली कंपनियों ने हर तीन माह में तय होने वाले “फ्यूल कॉस्ट एडजस्टमेंट” के फार्मूले में बदलाव की तैयारी की है। यदि ऐसा हुआ तो अब हर माह विद्युत वितरण कंपनियां बिजली की दरें बढ़ाने घटाने के लिए स्वतंत्र होंगी। इसके लिए कंपनियों को आयोग की कोई अनुमति लेनी नहीं होगी।
बिजली कंपनियों के फ्री हैंड अधिकार को लेकर नियामक आयोग में भेजे प्रस्ताव मामले पर ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर का बयान भी सामने आया है। उनका कहना है कि इस मामले पर निर्णय विद्युत नियामक आयोग को करना है। इससे लोगों पर कितना प्रभाव पड़ेगा यह निर्णय होने के बाद ही स्पष्ट होगा। बिजली कंपनियों के लिए फ्यूल कॉस्ट बहुत महत्वपूर्ण होता है। कोयले सहित अन्य कारकों की कीमत कब कितनी बढ़ रही है, घट रही है, यह बिजली दर पर प्रभाव डालती है। यदि फ्यूल कॉस्ट घट रही है तो इसका लाभ जनता को मिलना चाहिए और यदि बढ़ रही है तो जरूर जनता पर भार बढे़गा। मामले आगामी 28 तारीख को आयोग की सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि यदि प्रस्ताव मंजूर होता है तो ईंधन प्रभार समायोजन (FCA) कोयले की दरों के हिसाब से हर माह निर्धारित होगा। फिलहाल प्रदेश में FCA 34 पैसे प्रति यूनिट है। हालांकि अगर ये संशोधन हुआ और प्रस्ताव लागू होता है तो आयोग का महत्व काफी कम हो सकता है। यही वजह है कि 24 फरवरी तक आयोग ने दावे आपत्ति मंगाये है, जिसके बाद 28 फरवरी को आयोग इस संशोधन पर सुनवाई करेगा।
शिवराज सरकार में सब बेलगाम: कांग्रेस
बिजली कंपनियां (power companies) के प्रस्ताव पर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की बीजेपी सरकार में सब बेलगाम है। बिजली कंपनी साजिश के तहत प्रस्ताव लाई है। सरकार आम जनता को और महंगी बिजली देने की तैयारी में है। फैसला लागू होने पर बिजली कंपनी मनमानी करेगी। कांग्रेस ने आगे कहा कि शिवराज सरकार 8 महीने जनता को परेशान कर ले फिर कमलनाथ गरीब को सस्ती बिजली देंगे।
प्रस्ताव पर फैसले से पहले हल्ला मचा रही कांग्रेस: भाजपा
मामले में भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। कहा कि फैसला से पहले कांग्रेस ने रोना शुरू कर दिया और प्रस्ताव पर फैसले से पहले हल्ला मचा रही है। कांग्रेस पहले खुद की सरकार का कार्यकाल देखे। कांग्रेस सरकार में कई उद्योग पलायन कर चुके थे। दिग्विजय सिंह शासन को याद कर कांग्रेस रोए। आज प्रदेश में 23 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। भाजपा ने कहा कि पहले से हल्ला पीटना कांग्रेस बंद करे।