नई दिल्ली। शिवसेना नाम और धनुष-बाण निशान चुनाव आयोग से झटका लगने के बाद उद्धव ठाकरे का खेमा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। देश की सर्वोच्च अदालत उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि बुधवार यानी कल दोपहर 3:30 बजे इस मामले पर सुनवाई होगी। याचिका में एकनाथ शिंदे खेमे को शिवसेना की संपत्तियों और बैंक खातों पर कंट्रोल लेने से रोकने की मांग की गई है।
उद्धव ठाकरे की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में दलीलें दीं। उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है, जिसमें एकनाथ शिंदे कैंप को शिवसेना नाम और धनुष-बाण चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई थी। शिंदे कैंप ने याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि पहली बार में ही सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को नहीं सुना जाना चाहिए।उद्धव ठाकरे ने खुद दायर की है याचिका
चुनाव आयोग द्वारा पारित 17 फरवरी 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका का उल्लेख सोमवार को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष किया गया और आग्रह किया कि 21 फरवरी को संविधान पीठ के समक्ष चल रहे मामलों के साथ सुना जाए। याचिका स्वयं उद्धव ठाकरे ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि याचिका में उत्पन्न होने वाले मुद्दों का उन मुद्दों पर सीधा असर पड़ता है, जिन पर संविधान पीठ विचार कर रही है।
चुनाव आयोग ने की है गलती: उद्धव ठाकरे
याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने यह मानकर गलती की कि 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्यता सदस्यता की समाप्ति पर आधारित नहीं है। दूसरा तर्क यह है कि आयोग ने यह कहकर गलती की है कि राजनीतिक दल में विभाजन हुआ है। याचिका में तर्क दिया गया है कि केवल विधायक दल में विभाजन के बारे में एक बयान दिया गया था, न कि राजनीतिक दल के बारे में। इस प्रकार, याचिका के अनुसार किसी भी दलील और सबूत के अभाव में कि एक राजनीतिक दल में विभाजन हुआ था। इस आधार पर आयोग का फैसला पूरी तरह से गलत है।
अब सुप्रीम कोर्ट पर ही भरोसा: संजय राउत
चुनाव आयोग के फैसले पर उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा, ”अब सुप्रीम कोर्ट ही उम्मीद की आखिरी किरण है। इस देश में सभी संस्थानों ने काम करना बंद कर दिया है। लोकतंत्र की हत्या हो चुकी है, इसलिए अब एकमात्र उम्मीद सुप्रीम कोर्ट है। हम वहां जाएंगे और न्याय मांगेंगे।”
भारत के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली संविधान पीठ आज शिवसेना में दरार से संबंधित याचिकाओं के पुराने मामलों की सुनवाई जारी रखेगी।