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पुलिस भर्ती में गड़बड़ी तो हुई है,जो भी दोषी होंगे जेल जाना होगा

Report by manisha yadav

रायपुर। पुलिस भर्ती में गड़बड़ी के मामले पर मंगलवार को विधानसभा में काफी बहस हुई। विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि बिलासपुर और नांदगांव में पुलिस भर्ती में बड़े अधिकारी संलिप्त रहे हैं लेकिन छोटे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। एक आरक्षक ने आत्महत्या भी की है। इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने माना कि राजनांदगांव और बिलासपुर में भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि गड़बड़ी की जांच चल रही है, और 16 लोग जेल में हैं। श्री शर्मा ने आश्वस्त किया कि गड़बड़ी के लिए जो भी दोषी पाए जाएंगे, उसे जेल जाना होगा। 
प्रश्नकाल में कांग्रेस सदस्य द्वारिकाधीश यादव ने मामला उठाया। उनके सवाल के जवाब में गृहमंत्री ने बताया कि बिलासपुर और राजनांदगांव जिले में पुलिस भर्ती में गड़बड़ी पाई गई। श्री शर्मा ने बताया कि राजनांदगांव में डीएसपी तनुप्रिया ठाकुर ने गड़बड़ी की शिकायत की थी, और इस आधार पर जांच की गई। इसी तरह बिलासपुर में दो शिकायत मिली थी, इनमें से एक शिकायतकर्ता अजय सिंह राजपूत, और दूसरे का नाम दुर्गेश है। 


कांग्रेस सदस्य ने पूछा कि क्या केवल आरक्षक ने भर्ती कराई है? सक्षम अधिकारी पर क्या कार्रवाई की गई है? गृहमंत्री ने कहा कि खुद पुलिस अफसर ने गड़बड़ी की शिकायत की थी, और शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई करते हुए भर्ती परीक्षा निरस्त कर दी गई। उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षा राजनांदगांव के बजाय खैरागढ़ में कराई जा रही है। 
श्री शर्मा ने बताया कि एडिशनल एसपी मानपुर-मोहला की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है जो कि गड़बडियों की जांच कर रही है। गृहमंत्री ने बताया कि आरक्षक भर्ती की 95 हजार वीडियो रिकॉर्डिंग का परीक्षण किया गया है, जिसमें 129 में गड़बड़ी पाई गई है। यह प्रकरण न्यायालय में भी लंबित है। 

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कांग्रेस सदस्य द्वारिकाधीश यादव जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कहा कि क्या आरक्षक गड़बड़ी कर सकते हैं? श्री यादव ने कहा कि गड़बड़ी वही कर सकता है जो व्यवस्था में भागीदार हैं। उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की। 
गृहमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय एजेंसियों पर विश्वास बढ़ा है, जबकि पिछली सरकार ने पांच वर्ष तक सीबीआई को बैन कर रखा था। उन्होंने कहा कि एक शिकायत पर पूरी भर्ती प्रक्रिया निरस्त कर दी गई है। इसका कुछ नहीं छिपाया गया है। 


गृहमंत्री ने बताया कि दौड़, गोला फेक, की परीक्षा में आरक्षक तैनात रहते हैं। इसकी वीडियोग्रॉफी कराई गई थी, और अतिरिक्त अंक देने पर गड़बड़ी पकड़ी गई। 
कांग्रेस सदस्य चातुरीनंद ने बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में एक आरक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने वाले आरक्षक ने अपने हाथ में लिखा कि छोटे कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, जबकि बड़े अफसर जिम्मेदार हैं। गृहमंत्री ने कहा कि प्रकरण की जांच चल रही है। 16 लोग जेल भेजे जा चुके हैं, जो भी दोषी होगा वह जेल जाएगा।

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