Report by manisha yadav
झारखंड के सिमडेगा जिला की एक नाबालिग बच्ची को हरियाणा से मुक्त कराया गया है. गुरुग्राम में उससे अमानवीय तरीके से काम करवाया जा रहा था. 13 साल की इस बच्ची को एक दंपती ने बंधक बनाकर रखा था और उससे अमानवीय व्यवहार हो रहा था. मंगलवार को बच्ची को मुक्त करवा लिया गया है. उसे अब उसके परिवार से मिलाने की व्यवस्था की जा रही है. सूचना मिलने के बाद सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन ने दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश पुलिस को दिया है.
झारखंड पुलिस को निर्देश- एफआईआर कर सख्त कार्रवाई करें
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को ट्विटर पर झारखंड पुलिस को टैग करते हुए लिखा है कि इस मामले में एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई करें और इसकी सूचना दें. सीएम ने कहा है कि जानकारी के अनुसार, बिटिया सिमडेगा से है. इसलिए सिमडेगा के उपायुक्त से कहा है कि बिटिया को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाते हुए उसकी राज्य वापसी सुनिश्चित करें. उसे शिक्षा और सरकारी योजनाओं से जोड़ें और इसकी सूचना दें. साथ ही महिला एवं बाल विकास मंत्री जोबा माझी से भी इस मामले का संज्ञान लेने का आग्रह किया है.
शक्तिवाहिनी, चाइल्डलाइन गुरुग्राम ने बच्ची के परिजनों से किया संपर्क
शक्तिवाहिनी एक्सेस टू जस्टिस प्रोजेक्ट टीम और चाइल्डलाइन गुरुग्राम ने बच्ची के परिजनों से संपर्क किया है, ताकि बच्ची को उसके परिवार को सौंपा जा सके. साथ ही इस परिवार की मदद की जा सके. शक्तिवाहिनी ने सिमडेगा जिले के एसपी से भी बात की है, ताकि बच्चों को की तस्करी करने वाले गिरोह को सजा दिलायी जा सके.
ह्यूमन ट्रैफिकिंग व बांडेड लेबर एक्ट के तहत केस दर्ज करने की मांग
ह्यूमन ट्रैफिकिंग रोकने की दिशा में काम कर रही गैर सरकारी संस्था शक्तिवाहिनी ने मांग की है कि पुलिस इस मामले में ह्यूमन ट्रैफिकिंग और बांडेड लेबर एक्ट के तहत केस दर्ज करे, क्योंकि पीड़िता को बहला फुसलाकर सिमडेगा से ले जाया गया था और उसे एक अमीर आदमी के घर में कैद करके उससे काम करवाया जा रहा था.
बच्ची से की जाती थी मारपीट
मासूम बच्ची को घरेलू काम करने के लिए मजबूर किया गया और उसके साथ बुरी तरह से मारपीट की जाती रही. इतना ही नहीं, इस बच्ची को कभी मेहनताना भी नहीं दिया गया. शक्तिवाहिनी एक्सेस टू जस्टिस प्रोजेक्ट टीम नाबालिग की काउंसलिंग में भी मदद कर रही है. शक्तिवाहिनी एक्सेस टू जस्टिस प्रोजेक्ट टीम और चाइल्डलाइन गुरुग्राम ने पुलिस से नाबालिग की आयु को वेरिफाई करने का भी आग्रह किया है, ताकि पीड़िता को हर संभव सहयोग और मुआवजा सरकार की ओर से मिल सके.
जल्द से जल्द भारत सरकार एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग बिल पास करवाये
नाबालिग को बुरी तरह से पीटने और जबरन कैद में रखकर काम करवाने के इस अमानवीय कृत्य पर शक्तिवाहिनी के कार्यकारी निदेशक निशिकांत ने कहा कि यह घटना हम सबको याद दिलाती है कि हमारे समाज में बच्चों का शोषण बदस्तूर जारी है. हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वह बच्चों के साथ हो रहे इस तरह के शोषण का संज्ञान ले और संसद में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग बिल को जल्द से जल्द पारित करवाये, ताकि इस अपराध में लिप्त लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके.