काशी विद्यापीठ में एलएलबी और बीए-एलएलबी के पाठ्यक्रमों में इन टैक्स कानूनों की पढ़ाई चल रही है

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और जौनपुर स्थित वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की लॉ फैकल्टी में वर्षों पहले खत्म हो चुके टैक्स कानूनों की अब तक पढ़ाई हो रही है। विधि छात्रों के लिए इन टैक्स कानूनों को जानने का कोई मतलब नहीं बचा है। फिर भी ये सिलेबस में बकायदे दर्ज हैं। ये टैक्स हैं- वेल्थ, सर्विस, वैट और सेंट्रल सेल्स टैक्स। जीएसटी लागू होने के साथ ये टैक्स समाप्त कर दिए गए थे।

काशी विद्यापीठ में एलएलबी और बीए-एलएलबी के पाठ्यक्रमों में इन टैक्स कानूनों की पढ़ाई चल रही है। एलएलबी के छठे सेमेस्टर के प्रिंसिपल ऑफ टैक्सेशन लॉ के पेपर में ये विषय शामिल हैं। यह पेपर 100 अंक का है। बीए-एलएलबी के दसवें सेमेस्टर के प्रिंसिपल ऑफ टैक्सेशन ऑफ लॉ (80 अंक) के पेपर में भी यह विषय हैं। यह स्थिति तब है जबकि फैकल्टी ऑफ लॉ प्रशासन ने जून 2023 में सिलेबस अपडेट किया था। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के एलएलबी के छठे सेमेस्टर में प्रिंसिपल ऑफ टैक्सेशन लॉ के पेपर में ये टैक्स पढ़ाए जा रहे हैं।

विभाग की अध्ययन समिति की बैठक में समाप्त हो चुके टैक्स कानूनों को सिलेबस से हटाने संबंधी प्रस्ताव पर निर्णय लिया जाएगा। साथ ही सिलेबस में जरूरी बदलाव जल्द किए जाएंगे।-प्रो. रंजन कुमार, विभागाध्यक्ष एवं संकाय प्रमुख, विधि- काशी विद्यापीठ

34 कॉलेजों में भी नहीं बदला गया सिलेबस
काशी विद्यापीठ और पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध 34 कॉलेजों में भी विधि के छात्र-छात्राएं खत्म हो चुके टैक्स कानूनों की पढ़ाई कर रहे हैं। काशी विद्यापीठ से संबद्ध बनारस में दो (हरिश्चंद्र महाविद्यालय तथा महाराजा बलवंत सिंह कॉलेज) समेत सात कॉलेजों में पढ़ाई हो रही है। जबकि मिर्जापुर में सात, चंदौली में चार, सोनभद्र में एक, भदोही में एक कॉलेज में विधि की पढ़ाई होती है। काशी विद्यापीठ और संबद्ध कॉलेजों में करीब 3000 विद्यार्थी विधि की पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध 14 कॉलेजों में समाप्त टैक्स कानून पढ़ाए जा रहे हैं। इनमें आठ कॉलेज जौनपुर और छह कॉलेज गाजीपुर में हैं। विश्वविद्यालय व संबद्ध कॉलेजों में करीब 1300 विधि के विद्यार्थी हैं।

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