‘2024 भारत के युवाओं का’, साल 2023 के अपने आखिरी संवाद में बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आज देश का कोना-कोना विकसित भारत तथा आत्म-निर्भरता की भावना के कारण आत्मविश्वास से सराबोर है। आज मन की बात कार्यक्रम की 108वीं कड़ी में, उन्होंने देशवासियों से इस भावना को वर्ष 2024 में भी बनाए रखने की अपील की।

 

श्री मोदी ने कहा कि दीपावली पर रिकॉर्ड कारोबार ने सिद्ध कर दिया है कि हर भारतीय वोकल फॉर लोकल के मंत्र को महत्व दे रहा है। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की ताकत के बूते ही भारत ने इस वर्ष कई विशेष उपलब्धियां हासिल की हैं। इनमें बहु-प्रतीक्षित नारी शक्ति वंदन विधेयक का पारित होना भी शामिल है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि 108 के अंक के महत्व और उसकी पवित्रता एक गहन अध्ययन का विषय है। उन्होंने कहा कि माला में 108 मनके, 108 बार जप, 108 दिव्य-क्षेत्र, मंदिरों की 108 सीढ़ियां और 108 घंटियां प्रमाण हैं कि 108 का ये अंक असीम आस्था से जुड़ा हुआ है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी लोग उन्‍हें चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर संदेश भेज रहे हैं और लोग भारतीय वैज्ञानिकों- ख़ासकर महिला वैज्ञानिकों के प्रति गर्व का अनुभव कर रहे हैं। श्री मोदी ने फिल्म आर आर आर (RRR) के गीत नाटू-नाटू और लघु वृत्तचित्र द एलिफेंट व्हिस्परर्स को ऑस्‍कर मिलने से दुनिया ने भारत की रचनात्‍मकता देखी और पर्यावरण के साथ हमारे जुड़ाव को समझा।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष विभिन्‍न खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। इन खिलाड़ियों ने एशियाई खेलों में 107 और एशियाई पैरागेम्‍स में 111 पदक जीते हैं। श्री मोदी ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों ने क्रिकेट विश्‍वकप में भी अपने प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया और अण्‍डर-19 टी-ट्वेंटी विश्‍वकप में महिला क्रिकेट टीम की जीत बहुत प्रेरित करने वाली है। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2024 के पेरिस ओलम्‍पिक के लिए पूरा देश अपने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ा रहा है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कभी हमने मिलकर प्रयास किया है, उसका देश के विकास यात्रा पर बहुत सकारात्‍मक प्रभाव पड़ा है। उन्‍होंने कहा कि देश में आजादी का अमृत महोत्‍सव और मेरी माटी मेरा देश अभियान बहुत सफल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो देश नवाचार को महत्‍व नहीं देता, उसका विकास रुक जाता है। उन्‍होंने कहा कि भारत का नवाचार केन्‍द्र बनना इस बात का प्रतीक है कि देश रुकने वाला नहीं है। श्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2015 में भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक में 81वें स्‍थान पर था, लेकिन अब 40वें स्‍थान पर पहुंच गया है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत विकसित होगा, इसका सबसे अधिक लाभ युवाओं को ही होगा। लेकिन, युवाओं को इसका लाभ तब और ज्‍यादा होगा, जब वे फिट होंगे। उन्‍होंने कहा कि भारत के प्रयासों से वर्ष 2023 को अन्‍तर्राष्‍ट्रीय श्रीअन्‍न वर्ष के रूप में मनाया गया। इससे इस क्षेत्र में काम करने वाले स्‍टार्ट-अप को बहुत-से अवसर मिले हैं। इनमें लखनऊ से शुरू हुआ कीरोज फूड्स और प्रयागराज से शुरू हुआ ग्रैंडमा मिलेट्स तथा न्‍यूट्रास्‍यूटिकल रिच ऑर्गेनिक इण्डिया शामिल हैं।

 

प्रधानमंत्री ने मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में भी बात की। उन्‍होंने इस बात पर प्रसन्‍नता व्‍यक्त की, कि मुम्‍बई से इन्फी-हील और योर-दोस्‍त नाम से स्‍टार्ट-अप चलाये जा रहे हैं। श्री मोदी ने फिट इण्डिया के स्‍वप्‍न को साकार करने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य नवाचार आधारित स्‍टार्ट-अप के बारे में लोगों से अपने विचार भेजते रहने का अनुरोध किया। उन्‍होंने फिटनेस के संबंध में जाने-माने लोगों के अनुभव भी साझा किए। इनमें सदगुरु जग्‍गी वासुदेव, क्रिकेट खिलाड़ी हरमनप्रीत कौर, शतरंज खिलाड़ी विश्‍वनाथन आनन्द, अभिनेता अक्षय कुमार और युवा स्‍टार्ट-अप संस्थापक ऋषभ मल्‍होत्रा शामिल हैं। सदगुरु जग्‍गी वासुदेव ने मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के संबंध में विशेष रूप से अपने विचार रखे।

हरमनप्रीत कौर ने लोगों को नियमित व्‍यायाम और 7 घण्‍टे की अच्‍छी नींद को शरीर और फिटनेस के लिए जरूरी बताया।

ग्रैंडमास्‍टर विश्‍वनाथन आनन्‍द ने शान्‍त रहने और अपने काम पर ध्‍यान बनाये रखने को अपनी फिटनेस का राज बताया। अभिनेता अक्षय कुमार ने फिटनेस के लिए अच्‍छे-बुरे के बीच का भेद समझने पर बल दिया।

ऋषभ मल्‍होत्रा ने कहा कि बेंगलुरु में तगड़ा रहो नाम का उनका स्‍टार्ट-अप है, जिसे भारत के पारम्‍परिक व्‍यायाम को आगे ले जाने के लिए बनाया गया है।

प्रधानमंत्री ने हाल ही में सम्‍पन्‍न काशी-तमिल संगमम् की चर्चा की, जिसमें तमिलनाडु से हजारों लोग काशी पहुंचे थे। श्री मोदी ने कहा कि इस आयोजन के दौरान उन्‍होंने यांत्रिक बुद्धिमत्‍ता उपकरण भाषिणी का पहली बार उपयोग किया, जिसकी सहायता से उनके भाषण को उसी समय तमिलनाडु के लोग तमिल भाषा में सुन पा रहे थे। उन्‍होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब किसी एक भाषा में संबोधन हुआ करेगा और जनता तत्क्षण उस भाषण को अपनी भाषा में सुन सकेगी।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलते समय में हमें अपनी भाषाएं भी बचानी हैं और उनका संवर्धन भी करना है। उन्‍होंने झारखण्‍ड के एक आदिवासी गांव की चर्चा की, जिसने बच्‍चों को मातृभाषा में शिक्षा देने के लिए अनूठी पहल की है।

 

श्री मोदी ने कहा कि अपनी भाषा में पढ़ाई की वजह से इस गांव के बच्‍चों के सीखने की गति भी तेज हो गई है। उन्‍होंने कहा कि देश में कई बच्‍चे भाषा की मुश्किलों की वजह से पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते थे। ऐसी परेशानियों को दूर करने में नई राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति से भी मदद मिल रही है।

 

प्रधानमंत्री ने देश की दो विभूतियों- सावित्रीबाई फुले और रानी वेलू नाचियार की चर्चा की, जिनकी जयंती तीन जनवरी को मनाई जायेगी। उन्‍होंने कहा कि इन दोनों व्यक्तित्‍वों का जीवन प्रकाश-स्‍तम्‍भ की तरह है, जो हर युग में नारी-शक्ति को आगे बढ़ाने का मार्ग दिखाता रहेगा।

 

प्रधानमंत्री ने भाई जगदीश त्रिवेदी की चर्चा की, जो गुजरात की डायरा परम्‍परा के प्रसिद्ध कलाकार हैं। श्री त्रिवेदी ने प्रधानमंत्री को अपने पत्र के साथ अपनी पुस्‍तक- ‘सोशल ऑडिट ऑफ सोशल सर्विस’ भी भेजी है। श्री मोदी ने कहा कि यह पुस्तक एक तरह की बैलेन्‍स-शीट है।

 

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि भारत की उपलब्धि हर भारतवासी की उप‍लब्धि है और हमें पंच-प्राणों का ध्यान रखते हुए भारत के विकास के लिए निरंतर जुटे रहना होगा। उन्होंने कहा कि राष्‍ट्र प्रथम से बढ़कर कोई मंत्र नहीं है और इसी मंत्र पर चलते हुए हम भारतीय अपने देश को विकसित और आत्मनिर्भर बनाएँगे।

प्रधानमंत्री ने देशवासियों को नववर्ष 2024 की शुभकामनाएं दीं। उन्‍होंने प्रार्थना की है कि हम सब सफलता के नई ऊंचाई पर पहुंचें, स्‍वस्‍थ्‍य रहे, फिट रहें और खूब आनन्‍द से रहें।

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