धान खरीदी की तिथि 1 महिना बढ़ाने की मांग

Report by manisha yadav

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि धान खरीदी की तिथि एक महिना और बढ़ाया जाना चाहिये। अभी तक प्रदेश के 5 लाख से अधिक किसान ने अपना धान नहीं बेचा है, तो ऐसे में धान खरीदी की समय सीमा बढ़ानी चाहिये। सरकार गलत बोलती है कि लक्ष्य प्राप्त हो गया यह लक्ष्य तो भूपेश बघेल की सरकार ने निर्धारित किया था 130 से 140 लाख मीट्रिक टन का था, तब 20 क्विंटल प्रतिएकड़ की खरीदी के हिसाब से लक्ष्य था जब घोषित कर दिया प्रतिएकड़ 21 क्विंटल लिया जायेगा तो यह लक्ष्य बढ़कर 150 लाख मीट्रिक टन हो जायेगा। इस लक्ष्य को प्राप्त करने कम से कम एक महिने धान खरीदी और बढ़ानी चाहिए।


प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि साय सरकार के दुर्भावना और किसान विरोधी षड़यंत्रों के चलते प्रदेश के किसान परेशान है। मौसम की खराबी का बहाना बनाकर अनेकों संग्रहण केंद्रों में तौलाई रोक दी गयी। टोकन जारी करने में लेटलतीफी सर्वविदित है। 
तौलाई  की धीमी रफ्तार बारदानों की कमी के चलते किसान अपना धान नहीं बेच पाये है। व्यवस्था दुरुस्त करने के बजाय भाजपा सरकार के इशारे पर रकबा समर्पण करा के अनेकों संग्रहण केंद्रों में धान की खरीदी बंद करा दी गयी है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि अपनी आदत के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से किसानों को धोखा दिया है। इसके पहले भी 2008, 2013 में इनकी सरकार बनी थी तब भी इन्होंने किसानों से धोखा किया था। इस बार भी किसानों से वादा किया 3100 रू. प्रतिक्विंटल का एकमुश्त भुगतान करेंगे। धान खरीदी समाप्त होने वाली है अभी तक 3100 रू. प्रतिक्विंटल के बारे में 6 बार मंत्रिमंडल की बैठक होने के बाद कोई निर्णय नहीं लिया गया। प्रत्येक गांव में 3100 रू. प्रति क्विंटल की दर से एकमुश्त भुगतान करने भुगतान केंद्र खोलने की मोदी की गारंटी कब पूरी होगी? या यह भी जुमला था? विधानसभा का सत्र आहूत किया गया लेकिन धान खरीदी के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया। इसका सीधा-सीधा मतलब ये है कि भाजपा किसानों को 3100 रू. प्रतिक्विंटल देने के मूड में नहीं है।

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