इस मुस्लिम देश में लैब में तैयार हुआ मीट (मांस) खाने की इजाजत मिल गई है। हालांकि मीट में किसी भी तरह गैल-हलाल इंग्रेडिएंट शामिल नहीं होने चाहिए। हम बात कर रहे हैं सिंगापुर की। सिंगापुर में मुसलमानों को प्रयोगशाला (लैब) में तैयार मांस का सेवन करने की अनुमति दी जाएगी बशर्ते इसके लिए इस्तेमाल कोशिकाएं (सेल) हलाल जानवरों से ली गई हों और फाइनल प्रोडक्ट में कोई गैर-हलाल इंग्रेडिएंट शामिल न हो।
टुडे अखबार में शनिवार को प्रकाशित खबर के मुताबिक सिंगापुर के मुफ्ती डॉ. नजीरुद्दीन मोहम्मद नासिर ने कहा कि यह फैसला इस बात का उदाहरण है कि फतवा रिसर्च को आधुनिक तकनीक और सामाजिक परिवर्तन के साथ कैसे विकसित होना है। वह शुक्रवार को समकालीन समाजों में फतवा पर दो-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
इस्लाम में, फतवे मुस्लिम समुदाय को धार्मिक जीवन के विभिन्न पहलुओं पर मार्गदर्शन से संबंधित फैसले हैं और मुफ्ती के रूप में जाना जाने वाला योग्य धार्मिक विद्वान इस्लामी कानून की औपचारिक व्याख्या करता है। मुस्लिम मामलों के प्रभारी मंत्री मासागोस जुल्किफली ने सम्मेलन के इतर संवाददाताओं से यह भी कहा कि लैब में तैयार मांस के मुद्दे पर 2022 से सिंगापुर इस्लामिक धार्मिक परिषद (एमयूआईएस) अध्ययन कर रही थी।
टुडे ने मंत्री के हवाले से कहा, ‘‘हम वास्तव में इस क्षेत्र में नेतृत्व करने वाले दुनिया के पहले देशों में से एक हो सकते हैं। हम न केवल लैब में मांस का प्रोडक्शन कर रहे हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि यह मुसलमानों के खाने योग्य हो।’’ सिंगापुर के मुफ्ती नजीरुद्दीन ने कहा कि तकनीकी विकास और सामाजिक परिवर्तन होने पर धार्मिक अधिकारियों को अपने फैसलों में समायोजन की अनुमति देनी चाहिए।