Report by manisha yadav
इंदौर। मप्र लोकसेवा आयोग (एमपीपीएससी) के इतिहास में पहली बार आयोग मुख्यालय पर अभ्यर्थियों ने रातभर विरोध प्रदर्शन किया। बिना किसी राजनीतिक दल, छात्र संगठन के समर्थन के अभ्यर्थी सोमवार दोपहर से विरोध प्रदर्शन करने मुख्यालय पहुंचे थे। अधिकारी उनकी बात सुनने बाहर नहीं आए तो छात्र-छात्राएं नहीं हटे। पुलिस की निगरानी के बीच 50 से ज्यादा अभ्यर्थी रातभर पीएससी के मुख्यद्वार के सामने धरना देते रहे। मंगलवार रात करीब 11 बजे तक विरोध प्रदर्शन को 33 घंटे हो गए। प्रदर्शन अभी भी जारी है।
मप्र लोकसेवा आयोग से अभ्यर्थी परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय देने की मांग कर रहे हैं। दरअसल राज्यसेवा मुख्य परीक्षा 2023 के लिए पीएससी अभ्यर्थियों को 90 दिन का समय भी नहीं दे रहा। अभ्यर्थी लगातार मांग कर रहे हैं कि 11 मार्च को घोषित मुख्य परीक्षा को आगे बढ़ाया जाए। हालांकि आयोग के अधिकारी इस पर बोलने से इनकार कर रहे हैं।
सोमवार को भी अधिकारी अभ्यर्थियों से चर्चा के लिए नहीं। इस पर छात्र-छात्राओं ने ऐलान कर दिया कि मांग नहीं माने जाने तक वे हटेंगे नहीं। पीएससी के मुख्य द्वार पर ही विरोध प्रदर्शन करते युवाओं ने अलाव जलाया और सड़क पर बैठकर विरोध करते रहे। इनमें छात्राएं भी शामिल थी। इस बीच शाम को पीएससी के अधिकारी पिछले गेट से दफ्तर बंद कर रवाना हो गए।
पहली बार ऐसा विरोध
पीएससी के इतिहास में पहला मौका है जब मुख्यालय के बाहर रातभर विरोध जारी रहा। 24 घंटे तक अभ्यर्थी विरोध करते रहे तो यह अपने आप में अनूठा प्रदर्शन होगा। अभ्यर्थी न केवल परीक्षा आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं बल्कि दोषपूर्ण अधूरे रिजल्ट का विरोध भी कर रहे हैं। वे राज्यसेवा में पद बढ़ाने की मांग भी कर रहे हैं।